उत्तर प्रदेश की सरकार किसानों के हित में कई अहम कदम उठाती रहती है, लेकिन अब सरकार ने किसानों के साथ-साथ बटाईदारों की ओर भी ध्यान देना शुरू कर दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बटाईदारों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है. दरअसल, यूपी सरकार की कैबिनेट में एक महत्वपूर्ण योजना स्वीकृत हुई है, जिसका नाम मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना है. पहले इस योजना को मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना से जाना जाता था. इस योजना के तहत बटाईदार के जीवन को सुरक्षित किया गया है.
आपको बता दें राज्य सरकार ने योजना का नाम बदलने के साथ-साथ नियम और सुविधाओं में भी बदलाव किए हैं. पहले इस योजना का लाभ सिर्फ़ खातेदार किसान और सह-खातेदार को मिलता था, लेकिन नए नियमों के अनुसार बीमे का वारिस, किसान और उसके परिवार के अलावा बटाईदार भी होगा. इस योजना के तहत राज्य के 2 करोड़ 38 लाख 22 हजार किसान आएंगे.
क्या होता है बटाईदार?
बटाईदारी ऐसे किसान होते हैं, जो दूसरों की ज़मीन पर खेती करते हैं और उस फसल का आधा हिस्सा ज़मीन के मालिक को देते हैं. इन लोगों का नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होता है, क्योंकि इनके नाम ज़मीन नहीं होती है.
किसको मिलेगा योजना का लाभ
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का लाभ 18 से 70 साल के किसान उठा सकते हैं. इस योजना का लाभ 14 सितंबर 2019 से मिलेगा.
दुर्घटना के कितने दिन में करना होगा आवेदन
अगर किसी दुर्घटना में किसान की मृत्यु या वह दिव्यांग हो जाता है, तो इस योजना के तहत सभी प्रपात्रों को 45 दिन के अंदर आवेदन करना होगा. इसका आवेदन अपने जिले के तहसील कार्यालय में जमा करना होगा. इसके अलावा एक महीने तक के विलंब को क्षमा करने का अधिकार जिलाधिकारी के पास होगा. अगर दुर्घटना को हुए 75 दिन हो चुके हैं, तो इस आवेदन पर विचार ही नहीं किया जाएगा.
योजना की प्रमुख बातें
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ऐसा पहली बार होगा कि इस योजना के भागीदार बटाईदार भी होंगे. इसका दायरा भी पहले की योजना से बड़ा होगा.
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इस योजना के तहत बीमे की अधिकतम राशि 5 लाख रुपये होगी.
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अगर किसान का बेटा और पत्नी की मृत्यु हो गई है, तो इस योजना का लाभ उसकी बेटी को मिलेगा. इसका लाभ बेटी को शादी के बाद भी मिलेगा.
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पहले की सरकार के कार्यकाल में इस योजना के तहत बीमा कम्पनियों को 600 करोड़ रुपये का प्रीमियम दिया जाता था, लेकिन कम्पनी की जटिल प्रक्रियाओं के कारण सभी पात्र किसानों को लाभ नहीं मिल पाता था.
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अब सरकार डीबीटी के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में धनराशि भेज रही है.
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हादसे के 45 दिनों के अंदर संबंधित परिवार को आवेदन करना होगा.
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आवेदन के 1 महीने के अंदर ऑनलाइन भुगतान संबंधित किसान के खाते में करना होगा.
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विशेष स्थितियों में जिले का डीएम 1 महीने का अतिरिक्त समय दे सकते हैं.
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