पराली जलाने की वजह से हर साल प्रदूषण बढ़ जाता है. इस बीच भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने पराली निस्तारण के लिए बनाए गए पूसा डी कम्पोजर के दाम में इजाफा कर दिया है. जहां पहले यह 20 रुपए में मिलता था वहीं इसके दाम बढ़कर 100 रुपए हो गए है.
गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली और एनसीआर में पराली जलाने के कारण प्रदूषण लगातार फैलता जा रहा है.इधर, पूसा डी कम्पोजर के दाम बढ़ाने पर राष्ट्रीय किसान महासंघ के संस्थापक सदस्य बिनोद आनंद ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि एक तरफ तो पराली से लगातार प्रदूषण फैल रहा है. वहीं दूसरी तरफ डी कम्पोजर कैप्सूल के दाम में इजाफा कर रही है.
जबकि यह किसानों को मुफ्त में दिया जाना चाहिए था. आनंद का कहना है कि इसके दाम पांच गुना बढ़ने की सबसे बड़ी वजह यह है कि आईसीएआर (ICAR) ने इसका पूरा काम एक प्राइवेट कंपनी को दे दिया है. एक तरफ तो सरकार प्रदूषण को लेकर चिंतित है तो वहीं दूसरी तरफ यह कृषि विज्ञान केंद्रों को भी महंगे दाम में मिल रहा है.
डी कम्पोजर कैप्सूल के फायदे (Benefits of D Composer Capsule)
पराली के निस्तारण के लिए यह कैप्सूल काफी फायदेमंद है. दिल्ली सरकार ने भी डी कम्पोजर कैप्सूल के फायदे को जाना है. पूसा के वैज्ञानिकों का कहना है कि पराली पर कैप्सूल के घोल का छिड़काव किया जाएगा जिससे पराली खाद में तब्दील हो जाएगी.
जो अच्छी फसल के लिए भी लाभदायक होगी. सबसे बड़ी बात यह कि इस कैप्सूल के इस्तेमाल के कोई साइड इफेक्ट नहीं है. इतना ही नहीं, खेत की उपजाऊ क्षमता पर बढ़ती है और इससे निकलने वाली गर्मी खेत में कीटों को समाप्त करती है.
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