वाणिज्य सप्ताह के उपलक्ष्य पर रविवार को एपीडा के सहयोग से कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा किसानों एवं किसान उत्पादक संगठनों के लिए पोषक अनाजों के निर्यात उन्मुख खाद्य पदार्थो पर एक दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें 140 किसान एवं कृषक महिलाओं ने भाग लिया.
कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्र की अध्यक्षा डॉ अनामिका शर्मा ने की और राव मान सिंह, अध्यक्ष गुड़गांव किसान क्लब कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में मौजूद रहे. इस अवसर पर पूसा संस्थान के विभिन्न विभागों से आये वैज्ञानिकों ने पोषक अनाजों के बारे प्रतिभागियों का ज्ञान वर्धन किया. डॉ एस पी सिंह, प्रधान वैज्ञानिक, आनुवंशिकी और पादप प्रजनन विभाग ने पोषक अनाजों की उत्तम कृषि पद्धतियां तथा इनके निर्यात क्षमता के ऊपर प्रकाश डाला.
डॉ शालिनी गौड़ रुद्रा, वैज्ञानिक, खाद्य विज्ञान और कटाई उपरांत प्रौद्योगिकी विभाग ने विभिन्न पोषक अनाजों के स्वस्थ्य लाभ एवं प्रस्करण कर उनसे तैयार उत्पादों के बारे में बात की. डॉ विनुथा टी गौड़ा, वैज्ञानिक, जैव रसायन विभाग ने प्रसंस्करण के द्वारा पोषक अनाजों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने की तकनीकियों से प्रतिभागियों को अवगत कराया.
डॉ सुनेहा गोस्वामी, वैज्ञानिक, जैव रसायन विभाग ने पूसा संस्थान द्वारा पोषक अनाजों में ग्लूटेन प्रोटीन डालने के बाद तैयार आटा, जिसे हलूर नाम से जाना जाता है, के बारे में नयी जानकारी दी जिसे सभी प्रतिभागियों ने बहुत उत्सकतापूर्वक सुना.
एपीडा की सहायक महाप्रबंधक, श्रीमती रेखा मेहता ने अपने सम्बोधन में कहा के अगर किसानों की आय दोगुनी करनी है, तो कृषि निर्यात को बढ़ाने की जरुरत है. पोषक अनाज और उनके उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाये जा रहे हैं.
कार्यक्रम के दौरान केंद्र द्वारा प्रशिक्षित उद्यमी महिला श्रीमती पूजा शर्मा ने अपने अनुभवों को सबके साथ साझा किया और बताया के उनके उत्पाद पांच सितारा होटलो तक पहुंच चुके हैं और अब उनका अगला कदम अपने उत्पादों को बाहर के देशों को निर्यात करना है.
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