1. Home
  2. ख़बरें

आठ राज्यों में पायलट आधार पर शुरू होगा 'ऑपरेशन ग्रीन'

केंद्र सरकार ने 'ऑपरेशन ग्रीन' को लागू करने के लिए दिशानिर्देश तैयार कर लिए हैं. योजना की घोषणा के नौ महीने बाद इसको धरातल पर लाया जा रहा है. दरअसल, देश के कुछ क्षेत्रों में आलू, प्याज तथा टमाटर की अधिक पैदावार होती है. अधिक उत्पादन के चलते इन फसलों की कीमतें नीची रहती हैं

केंद्र सरकार ने 'ऑपरेशन ग्रीन' को लागू करने के लिए दिशानिर्देश तैयार कर लिए हैं. योजना की घोषणा के नौ महीने बाद इसको धरातल पर लाया जा रहा है. दरअसल, देश के कुछ क्षेत्रों में आलू, प्याज तथा टमाटर की अधिक पैदावार होती है. अधिक उत्पादन के चलते इन फसलों की कीमतें नीची रहती हैं और इसका खामियाजा किसानो को भुगतना पड़ता है. इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 'ऑपरेशन ग्रीन' की शुरुआत की थी.

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण और उद्योग मंत्रालय ने इस स्कीम के दिशा निर्देश तैयार किये हैं. केंद्रीय व्यय वित्त समीति ने फंड के नियोजन से संबंधित कुछ सुझावों के साथ इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है. योजना की मद में केंद्र सरकार 500 करोड़ रूपये आवंटित करेगी. इसकी समयसीमा मार्च 2020 तक तय की गई है.

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस वर्ष फरबरी में बजट भाषण के दौरान इस योजना की घोषणा की थी. उन्होंने इसे बाग़बानी फसल के उत्पादकों के लिए मददगार साबित होने का दावा किया था.

इसी के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद की अध्यक्षता में एक समीति गठित की थी. इस योजना का लाभ अधिक किसानों तक पहुँचाने के सभी संभावित तरीकों पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का काम इस समीति को दिया गया था.

देशभर में टमाटर, प्याज और आलू साल के बारहों महीने उपभोग किये जाते हैं लेकिन भंडारण और परिवहन अव्यवस्थाओं के कारण किसानों और उपभोक्ताओं को घाटा होता है. इसलिए इस योजना के जरिये सब्जियों को अधिक उत्पादन वाले क्षेत्रों से कम उत्पादन वाले क्षेत्रों तक ले जाने का लक्ष्य है. साथ ही भंडारण प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने के लिए आधारभूत संरचना का निर्माण मजबूत किया जायेगा. इसके अलावा सरकार ने चयनित अधिशेष क्षेत्र में मूल्य श्रृंखला और प्रसंस्करण उद्योग बनाने का भी फैसला किया है. नीति आयोग ने सरकार को सिफारिश की है कि यह योजना अधिक उत्पादन वाले क्षेत्रों में पायलट आधार पर शुरू करनी चाहिए.

'ऑपरेशन ग्रीन' में एक कम अवधि के लिए जबकि दूसरा दीर्घावधि का कार्यक्रम तय किया गया है. अल्पावधि कार्यक्रम के लिए 50 करोड़ रूपये का बजट आवंटित किया है. इस बजट के तहत सरकार कृषि परिवहन और भंडारण सुविधा के लिए भारत के शीर्ष राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ(नैफेड) के साथ 50 प्रतिशत लागत साझा करेगी।

दीर्घकालिक बजट की मद में 450 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है. आवंटित राशि का इस्तेमाल मूल्य नियंत्रण, कोल्ड स्टोरेज, भंडारण, पैकेजिंग, ग्रेडिंग और प्रसंस्करण उद्योग विकसित करने के लिए किया जायेगा। मूल्य श्रृंखला और प्रसंस्करण उद्योगों को ध्यान में रखते हुए शीर्ष उत्पादन क्लस्टर को चुना जाता है। इसके अंतर्गत आठ राज्यों में 17 क्लस्टर चुने गए हैं.

रोहिताश चौधरी, कृषि जागरण

English Summary: 'Operation Green' will start in eight states on pilot basis Published on: 05 November 2018, 10:19 AM IST

Like this article?

Hey! I am . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News