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कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ के द्वारा आयोजित किया गया ग्वार उत्पादन पर प्रशिक्षण, जानें कार्यक्रम में क्या कुछ रहा खास

आज यानी की 4 मई, 2024 शनिवार के दिन कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ के द्वारा ‘ग्वार उत्पादन की उन्नत कृषि क्रियायें’ विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. ताकि किसानों को ग्वार की उन्नत किस्मों से लेकर इस फसल में लगने वाले कीट के बारे में जागरूक किया जा सके. यहां जानें पूरी जानकारी...

लोकेश निरवाल
‘ग्वार उत्पादन की उन्नत कृषि क्रियायें’ विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्र
‘ग्वार उत्पादन की उन्नत कृषि क्रियायें’ विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्र

कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ परिसर में 4 मई 2024 को ‘ग्वार उत्पादन की उन्नत कृषि क्रियायें’ विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. यह कार्यक्रम कृषि विज्ञान केंद्र, महेंद्रगढ़ तथा हिंदुस्तान गम एंड केमिकल्स, भिवानी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया जिसमे जिले के 95 किसानों व महिलाओं ने भाग लिया.  कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डॉ. रमेश कुमार ने कार्यक्रम में उपस्थित किसानों व महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा की किसान उन्नत कृषि क्रियाओं को अपनाकर ग्वार फसल के उत्पादन को बढ़ा सकते है.

हिंदुस्तान गम एंड केमिकल्स, भिवानी से आये डॉ बी डी यादव ने बताया की वैज्ञानिक जानकारी न होने के कारण बहुत से किसान ग्वार फसल/ Guar Crop की पूरी पैदावार नहीं ले पाते तथा पुराने, रूढ़िवादी तरीके अपनाने के कारण हर साल नुकसान उठा रहे हैं.

किसानों को ग्वार की उन्नत किस्में के बारे किया गया जागरूक

किसानों को जल संरक्षण, जैविक खादों तथा उन्नत किस्मों से ग्वार फसल की बिजाई की ओर विशेष ध्यान देना होगा . बीज उपचार जैसे सस्ते व कारगर तरीकों की जानकारी प्राप्त कर एक आदत के रूप में अपनाना होगा ताकि फसलों को बीज-जनित व भूमि-जनित रोगों व कीटों से बचाया जा सके. प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. जयलाल यादव ने किसानों को ग्वार फसल में नुकसान पहुंचाने वाले कीटों के बारे में जानकारी दी और उनके नियंत्रण के बारे में बताया.

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के सस्य विभाग से सेवानिवृत्त प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डॉ जगदेव ने ग्वार फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष सुझाव दिए. उन्होंने किसानों को ग्वार की उन्नत किस्में/ Varieties of Guar जैसे एच. जी. - 365, एच. जी. - 563 तथा एच. जी. – 2-20 से बिजाई करने की सलाह दी.

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ग्वार फसल को बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट से बचाने के उपाय

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक  डॉ. नरेन्द्र यादव ने बताया की ग्वार फसल को बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट से बचाने के लिए 6 लीटर पानी में 6 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लीन घोल लें और इस घोल में 6 किलोग्राम ग्वार का बीज एक से दो घंटे भिगोए और फिर बाद में 30 से 40 मिनट बीज को छाया में सुखाकर बिजाई करें.

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ आशीष शिवरण ने किसानो को ग्वार फसल में नुकसान पहुंचाने वाले खरपतवारोँ के बारे में जानकारी दी तथा उनके नियंत्रण के बारे में बताया. इस कार्यक्रम में ग्वार उत्पादन विषय पर प्रश्नोत्तरी का आयोजन भी किया गया. 

English Summary: Training on guar production organized by Krishi Vigyan Kendra Mahendragarh KVK Varieties of Guar Crop Published on: 04 May 2024, 03:12 PM IST

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