केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Minister of Agriculture and Farmers Welfare Narendra Singh) ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चेम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री/फिक्की (Federation of Indian Chamber of Commerce and Industry/FICCI) द्वारा आयोजित 10वें कृषि रसायन सम्मेलन का शुभारंभ किया.
इस अवसर पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देश में नई प्रौद्योगिकी और सरकार की विभिन्न योजनाओं से किसानों को सीधा लाभ मिल रहा है. इस संबंध में उन्होंने कश्मीर की केसर का जिक्र भी किया, जहां सैफरान पार्क में आधुनिक सुविधाओं के विकास से उत्पादक किसानों को केसर का दाम एक लाख रूपए प्रति किलो से बढ़कर दो लाख रू. किलो मिल रहा है.
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है
मुख्य अतिथि नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जिसने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपनी प्रासंगिकता को सिद्ध किया है. कोविड-19 संकट के दौरान भी कृषि क्षेत्र का कामकाज बेहतर चला रहा है. इसके साथ ही कृषि आधारित उद्योगों की स्थिति भी कमोबेश बहुत संतोषजनक बनी रही है, इसलिए सरकार द्वारा इस क्षेत्र को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है.
सरकार का लक्ष्य
सरकार का प्रयास है कि कृषि क्षेत्र मजबूती से आगे बढ़ता रहे, साथ ही देश की जरूरतों की पूर्ति के साथ ही दुनिया के लिए भी आपूर्ति करने में सक्षम बना रहे. हमारा चिंतन "वसुधैव कुटुम्बकम" पर आधारित है. इसी भावना से देश आगे बढ़ता रहा है, बढ़ता रहेगा. उन्होंने आगे कहा कि अधिकांश कृषि उपज के मामले में दुनिया में भारत पहले या दूसरे स्थान पर है और हमारी कोशिश है कि देश इस दिशा में निरंतर बढ़ता रहे.
कृषि उपज के निर्यात में भारत का स्थान
कृषि उपज के निर्यात में भी भारत, विश्व में पहले 10 स्थान में शामिल हो चुका है. इस स्थिति को भी और आगे बढ़ाने की इच्छा किसानों व देश की है. उन्होंने कहा कि देश के पीएम नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि खेती के प्रति लोगों की रूचि बढ़े और किसानों की आमदनी भी दोगुनी हो. इस दिशा में अनेक योजनाओं के माध्यम से काम किया जा रहा है.
अभी तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Scheme) के तहत 11.37 करोड़ किसानों को 1.58 लाख करोड़ रूपए सीधे बैंक खातों में मिल चुके हैं. इसी तरह किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) के माध्यम से किसानों को ऋण सहायता दी जा रही है. इतना ही नहीं, एक लाख करोड़ रूपए के ऐतिहासिक कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड द्वारा क्षेत्र की गैप्स भरी जा रही है.
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह ने आगे कहा कि सरकार पूरा प्रयास कर रही है कि किसानों को हर तरह से लाभ मिल सके. इसी तरह आम लोगों व नई पीढ़ी की रूचि कृषि के प्रति बढ़ती रहे और खेती लाभकारी बनी रहे. इसी तरह किसान महंगी फसलों की ओर आकर्षित हों, कृषि के जरिए अधिका रोजगार पैदा हो, किसानों को नई टेक्नालाजी का लाभ ज्यादा से ज्यादा मिले.
कृषि सुधार कानून से मिली स्वतंत्रता
कृषि सुधार कानून के जरिए किसानों को बाजार की स्वतंत्रता मिली है. कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है.
सरकार ने डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन भी प्रारंभ किया है, जिसमें अभी तक साढ़े पांच करोड़ किसानों का डाटाबेस तैयार किया जा चुका है. इस साल दिसंबर तक 8 करोड़ किसानों का डाटाबेस पूरा हो जाएगा. सरकार 10 हजार नए कृषक उत्पादक संगठन (Farmer Producer Organization) बनाने की योजना के माध्यम से भी किसानों को प्रोत्साहित कर रही है.
इतना ही नहीं, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि रसायन उद्योग को नकारा नहीं जा सकता है, लेकिन प्रकृति का ख्याल रखते हुए किसानों को कैसे ज्यादा फायदा हो सकता है, इस बात पर ध्यान देना चाहिए. अति सर्वत्र वर्जयेत, इसलिए कोशिश की जाएं कि जैविक/प्राकृतिक खेती हो और इसके अलावा भी खेती में संतुलन बनाए रखना आवश्यक है.
प्रकृति के विरूद्ध कोई भी इंसान या वर्ग जाता है, तो परिणाम भी देखने को मिलते हैं. अतः जिन प्रयोगों में किसानों को अधिक लाभ मिले, उस दिशा में जाने की कोशिश होनी चाहिए.
कृषि मंत्री ने की फिक्की की तारीफ
तोमर ने इस संबंध में आगे कहा कि फिक्की जैसा विशाल संगठन प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से देश के विकास में सतत सहयोग दे रहा है. आज के इस सम्मेलन की थीम है: India@75: आत्मनिर्भर भारत के लिए कृषि रसायन उद्योग के सतत विकास में तेजी लाना.
इस सम्मेलन को केंद्रीय रसायन एवं उवर्रक तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री भगवंत खुबा, नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद, कोर्टेवा एग्रीसाइंस एशिया पैसिफिक के अध्यक्ष पीटर फोर्ड तथा फिक्की की फसल संरक्षण समिति के अध्यक्ष आर.जी. अग्रवाल के साथ ही अन्य पदाधिकारी मनोज मेहता, डा. एस.पी. मोहंती आदि ने भी संबोधित किया.
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