गेहूं और चावल हमारा मुख्य भोजन है, पेट की भूख और किसान का नाता हमेशा बना रहेगा! लैब-टू-लैंड प्रोजेक्ट केवल एक जुमला नहीं है...! अभी हाल ही में भारतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान के 51वें दीक्षांत समारोह में उन कृषि वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने गेहूं में सुधार कर किसानों को उत्कृष्ट गेहूं उत्पादन के लिए नयी किस्में दिया है इसके अलावा दीक्षांत समारोह में चावल की नयी किस्म की खोज करने हेतु भी पुरस्कृत किया गया. इस दीक्षांत समरोह में कृषि जागरण की ओर से एम. सी. डॉमिनिक, कृषि जागरण और एग्रीकल्चर वर्ल्ड के प्रधान संपादक और चंद्र मोहन ने भी हिस्सा लिया. ऐसे में आइए आपको बताते हैं किसको क्या अवार्ड मिला-
डॉ. जी.पी. सिंह, निदेशक, आईसीएआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ व्हीट एंड जौ रिसर्च, करनाल, हरियाणा को “अजैविक तनाव सहिष्णुता के लिए गेहूं सुधार और गेहूं किसानों की बढ़ती लाभप्रदता” के क्षेत्र में उत्कृष्ट अनुसंधान योगदान के लिए आठ वीं राव बहादुर बी विश्वनाथ पुरस्कार 2018-19 प्राप्त हुआ. "डॉ अनिल राय, प्रोफेसर (बायोइनफॉरमैटिक्स), आईसीएआर - भारतीय कृषि सांख्यिकीय अनुसंधान संस्थान ने कृषि उच्च शिक्षा 2020-21 में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार प्राप्त किया.
वहीं, डॉ शरत कुमार प्रधान, प्रधान वैज्ञानिक, जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग, आईसीएआर-नेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट, कटक को "फसल सुधार" के क्षेत्र में उत्कृष्ट शोध योगदान के लिए XXVI हूकर अवार्ड 2018-19 मिला. डॉ. एस झा, प्रोफेसर, पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नोलॉजी, IARI, नई दिल्ली को "पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नोलॉजी" के क्षेत्र में उत्कृष्ट शोध योगदान के लिए वर्ष 2020 के लिए XXI श्री हरि कृष्ण शास्त्री मेमोरियल अवार्ड मिला. अधिक जानकारी के लिए विडियो के लिंक पर क्लिक करें https://youtu.be/KO92kBDyE90
इसके अलावा डॉक्टरेट ऑफ साइंस की डिग्री दो प्रतिष्ठित आईएआरआई पूर्व छात्रों अर्थात् डॉ संजय राजाराम और विश्व खाद्य पुरस्कार विजेता डॉ रतन लाल को दी गई, जिन्होंने विश्व स्तर पर विज्ञान के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है. अधिक जानकारी के लिए विडियो के लिंक पर क्लिक करें https://youtu.be/Hm24lG-RdPY
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने छात्रों को डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी, मैटर ऑफ साइंस और मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी की डिग्री प्रदान की. दीक्षांत भाषण में, कैलाश चौधरी जी ने छात्रों को नवाचारों के माध्यम से समाज के सामाजिक-आर्थिक बेहतरी के लिए समर्पित रूप से जुड़ने का आह्वान किया.
उन्होंने वैश्विक महामारी के बावजूद प्रौद्योगिकी निर्माण की गति को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता के लिए वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना की.
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