1. Home
  2. ख़बरें

राजस्थान में दाल मिलों के लाइसेंस की अनिवार्यता में बड़ा बदलाव, पढें पूरी खबर

ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन ने दाल उद्योगों के हित में एक अहम प्रयास सफल करवाया है. एसोसिएशन ने 5 करोड़ से छोटी दाल मिल की लाइसेंस की अनिवार्यता में बदलाव की घोषणा की है. इससे दाल उद्योग में उन्नति के साथ उद्योगों की समस्याओं को भी कम करने में मदद मिलेगी. एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इस संदर्भ में काफी प्रयास किए और इसमें सफतला हासिल की. राजस्थान सरकार द्वारा दो बार मुख्यमंत्री कार्यालय से निर्देष जारी करने के पष्चात राजस्थान राज्य में वायु प्रदुषण अधिनियम में बहुत बड़ा परिवर्तन किया गया है, जिसमें 5 करोड़ से कम पूंजी वाली दाल मिलों को राजस्थान में लायसेंस नवीनीकरण कराने का नियम अब समाप्त हो गया है.

Pulse mills in Rajasthan

ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन ने दाल उद्योगों के हित में एक अहम प्रयास सफल करवाया है. एसोसिएशन ने 5 करोड़ से छोटी दाल मिल की लाइसेंस की अनिवार्यता में बदलाव की घोषणा की है. इससे दाल उद्योग में उन्नति के साथ उद्योगों की समस्याओं को भी कम करने में मदद मिलेगी. एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इस संदर्भ में काफी प्रयास किए और इसमें सफतला हासिल की.  राजस्थान सरकार द्वारा दो बार मुख्यमंत्री कार्यालय से निर्देष जारी करने के पष्चात राजस्थान राज्य में वायु प्रदुषण अधिनियम में बहुत बड़ा परिवर्तन किया गया है, जिसमें 5 करोड़ से कम पूंजी वाली दाल मिलों को राजस्थान में लायसेंस नवीनीकरण कराने का नियम अब समाप्त हो गया है. राजस्थान में जिस दाल इण्डस्ट्रीज की सकल पूंजी लागत 5 करोड़ रूपये से कम है, उस दाल मिल को एक बार लायसेंस के लिए आवेदन करके, लायसेंस प्राप्त करना होगा तथा उनको पुनः लायसेंस नवीनीकरण करवाने की अब जरूरत नहीं रहेगी, इस नियम को संस्था ने लगातार प्रयास करके समाप्त करवाया है. जो कि राजस्थान की दाल मिलों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.

 राजस्थान मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा सम्बंधित विभाग को पत्र से वायु प्रदुषण से दाल मिलों के लायसेंस समाप्त करने के लिए विभाग से जानकारी तथा विभाग की राय भी मांगी गई थी.  संस्था के अध्यक्ष सुरेष अग्रवाल ने मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधराराजे जी से चर्चा कर, दाल मिलों की समस्याओं के संदर्भ में अनुरोध किया था. माननीया मुख्यमंत्री महोदयाजी ने इस सम्बंध में मुख्यमंत्री पत्र के द्वारा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को तुरंत निराकरण करने के निर्देष से जारी किये थे.  संस्था के अध्यक्ष श्री सुरेष अग्रवाल द्वारा, राजस्थान प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड की अध्यक्षा श्रीमती अपर्णा अरोरा से चर्चा की तथा उन्हें को समस्त पत्र भिजवाए थे. साथ ही टेलीफोन पर हुई चर्चा के दौरान भी उन्होंने लायसेंस समाप्त करने का आश्वासन दिया था. संस्था अध्यक्ष ने पुनः मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधराराजेजी से अनुरोध किया, जिसके परिणामस्वरूप मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा पुनः कार्यवाही की गई थी एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास वन पर्यावरण विभाग, राजस्थान सरकार तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग विभाग को निराकरण करने के निर्देष पत्र से पुनः निर्देष जारी किये गए थे.

 

अतः अब राजस्थान सरकार के निर्णयानुसार जिस दाल इण्डस्ट्रीज की सकल पूंजी लागत 5 करोड़ रूपये से अधिक होगी, उनको ही पुनः लायसेंस नवीनीकरण राज्य प्रदुषण नियंत्रण मण्डल, राजस्थान में करवाना होगा. संस्था ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अध्यक्ष डॉ हर्षवर्धन, भारत सरकार को पत्र द्वारा अनुरोध किया था कि सम्पूर्ण भारत देष में दाल इण्डस्ट्रीज को वायु प्रदुषण अधिनियम 1981 एवं जल प्रदुषण अधिनियम 1974 के अंर्तगत दाल मिलों को लायसेंस से मुक्त किया जाए.

संस्था के 8 माह के लगातार परिश्रम और प्रयास से राजस्थान की दाल इण्डस्ट्रीज को वायु प्रदुषण अधिनियम 1981 एवं जल प्रदुषण अधिनियम 1974 के अंर्तगत 5 करोड़ से कम पूंजी वाली दाल मिलों को राजस्थान में लाइसेंस नवीनीकरण करवाने की आवष्यकता नहीं है.

 

जिम्मी
पत्रकार (कृषि जागरण)

English Summary: Major changes in mandatory licensing of lentil mills in Rajasthan, read the whole news Published on: 10 August 2018, 06:30 AM IST

Like this article?

Hey! I am . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News