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इसमा ने सरकार से सुगर का एमएसपी रु 36 करने की अपील की

मौजूदा सीज़न में चीनी की पेराई सत्र शुरु होने से पहले एक्स-मिल मिनिमम सेलिंग प्राइस (एमएसपी) में लगभग 24 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ इसे 29 से 36 रुपए करने की मांग की है. मिलों का कहना है कि इस फैसले से उन्हें सरकार से वित्तीय मदद नहीं लेना पड़ेगा और वो अपना एक्सपोर्ट बढ़ा सकेंगे. इसके साथ ही उन्होंने सरकार से यह भी मांग की है कि 20 प्रतिशत चीनी का एकस्पोर्ट अनिवार्य किया जाए. 1 अक्टूबर से शुरु हो रहे पेराई सीजन 2018-19 में यह 70 लाख टन रह सकता है. इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इंडस्ट्री से 15 दिनों में इन दोनों मांगो को मानने की अपील की है.

 

मौजूदा सीज़न में चीनी की पेराई सत्र शुरु होने से पहले एक्स-मिल मिनिमम सेलिंग प्राइस (एमएसपी) में लगभग 24 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ इसे 29 से 36 रुपए करने की मांग की है. मिलों का कहना है कि इस फैसले से उन्हें सरकार से वित्तीय मदद नहीं लेना पड़ेगा और वो अपना एक्सपोर्ट बढ़ा सकेंगे. इसके साथ ही उन्होंने सरकार से यह भी मांग की है कि 20 प्रतिशत चीनी का एकस्पोर्ट अनिवार्य किया जाए. 1 अक्टूबर से शुरु हो रहे पेराई सीजन 2018-19 में यह 70 लाख टन रह सकता है. इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इंडस्ट्री से 15 दिनों में इन दोनों मांगो को मानने की अपील की है. इसमा के डायरेक्टर जनरल अबिनाश वर्मा ने एक अख़बार (सोर्स) से कहा इंटरनेशनल ट्रेड हाउसों एल्वीन, कॉफ्को, सकडेन ने सूचना दी है कि अक्टूबर 2108 से जनवरी 2019 के बीच भारतीय चीनी की विदेश में मांग निकल सकती है. उस समय ब्राजील और थाईलैंड जैसे चीनी के बड़े निर्यातक बाजार में नहीं होंगे. इसलिए अगले 15 दिनों में 60-70 लाख टन शुगर एक्सपोर्ट के प्रोग्राम का ऐलान किया जाए.

 

आगे उन्होंने बताया कि उन्होंने केंद्र सरकार को पत्र सौंपकर शुगर का एक्स- मिल मिनिमम प्राइस (एमएसपी) रु 36 प्रति किलो करने का अनुरोध किया है. जिससे उनकी प्रोडक्शन कॉस्ट कवर हो जाएगी. एसोसिएशन ने दावा किया है कि एमएसपी को रु 36 प्रति किलो कर देने से इंडस्ट्री को ज्यादातर समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा.

English Summary: This mother appealed to the Government to make Sugar MSP of Rs 36 Published on: 10 August 2018, 06:34 AM IST

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