महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने अपने किसानों के लिए अहम फैसला लिया है. दरअसल, महाराष्ट्र में आने वाले कुछ दिनों में मॉनसून अधिवेशन (Monsoon Session) होने वाला है.
इस दौरान राज्य सरकार कृषि संशोधन विधेयक (Agricultural Bills) लाने जा रही है. खास बात यह है कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि संशोधन विधेयक (Agricultural Bills) केंद्र सरकार (Central Government) के कृषि कानूनों (Agricultural Bills) के विपरीत होंगे. इस बात की जानकारी राज्य के राजस्व मंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात द्वारा मिली है.
कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन (Kisan Andolan Against Agriculture Bills)
देशभर में केंद्र के कृषि कानूनों (Agricultural Bills) के खिलाफ लंबे समय से किसान आंदोलन (Kisan Andolan) चल रहा है. इस बीच थोरात का कहना है कि मोदी सरकार ने संसद में जो तीन काले कृषि कानून (Agricultural Bills) पारित किए हैं, वे किसान विरोधी और व्यापारिक मानसिकता का समर्थन करने वाले हैं.
ऐसे में महाराष्ट्र सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए कृषि संशोधन विधेयक लाने जा रही है. बता दें कि कृषि संशोधन विधेयक (Agricultural Bills) को लेकर एक खास बैठक की गई, जिसमें थोरात के अलावा कृषि मंत्री दादाजी भुसे, सहकार मंत्री बालासाहेब पाटील, कृषि व सहकार राज्यमंत्री डॉ. विश्वजीत कदम शामिल थे.
किसानों की तमाम समस्याओं का समाधान (Solution to all the Problems of Farmers)
राज्य सरकार जो कृषि संशोधन विधेयक (Agricultural Bills) लाने वाली है, उसमें किसानों की उन तमाम परेशानियों और आशंकाओं का समाधान होने वाला है, जो केंद्र के काले कृषि कानूनों की वजह से पैदा हुई हैं.
इसके अलावा बैठक में क्रेंद्र सरकार (Central Government) के सहकारी बैंकों के अस्तित्व को खत्म करने वाले कानून पर चर्चा हुई.
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