स्थानीय कृषि विज्ञान केन्द्र, महेन्द्रगढ़ द्वारा मधुमक्खी पालन एवं खुम्ब उत्पादन विषय पर पांच दिवसीय व्यावसायिक प्रशिक्षण का अयोजन किया गया. इस अवसर पर केन्द्र के वरिष्ठ संयोजक डॉ. रमेश कुमार ने बताया कि किसान मधुमक्खी पालन व खुम्ब उत्पादन जैसे सहायक व्यवसाय अपनाकर अधिक लाभ कमा सकते हैं.
विशेषज्ञों ने सफल मधुमक्खी पालक बनने के लिए दी जानकारी
इस प्रशिक्षण में जिले के विभिन्न खण्डों से 60 बेरोजगार युवा शामिल हुए. मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण के आयोजक डॉ. जयलाल यादव ने बताया कि इस प्रशिक्षण से युवाओं में कौशल विकास के तहत कृषि आधारित रोजगार के चयन में सहायता मिलेगी. प्रशिक्षण के दौरान डॉ. हरीश कुमार डॉ मनोज कुमार डॉ. बलबीर सिंह व अन्य विशेषज्ञों ने सफल मधुमक्खी पालक बनने के लिये युवाओं को मधुमक्खी पालन की उपयोगिता, मधुमक्खी की विभिन्न प्रजातियां, मधुमक्खी आवास, परिवार संगठन व जीवन चक्र, कार्य प्रणाली, मौनालय की स्थापना, मौसम के अनुसार प्रबन्धन, आधुनिक मधुमक्खी पालन, वंशों का निरीक्षण, परभक्षी व परजीवों से बचाव, कीटनाशियों से बचाव, मौनगृह के विभिन्न उत्पाद जैसे शहद, राज अवलेह, मोम, पराग आदि बिंदुओं पर विभिन्न विशेषज्ञों ने जानकारी दी
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प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को विशेषज्ञों ने बताया कि मधुमक्खी पालन कब और कैसे करें, मधुमक्खी पालन में सहायक यंत्र, मधुमक्खियों के लिये उपयोगी पौधे, मधुमक्खियों की बीमारियां व उनसे बचाव, कृषि में मधुमक्खी पालन का योगदान व मधुमक्खी पालन से जुड़े आर्थिक लेखा जोखा तैयार करना आदि पर जानकारी दी गई. इसके अलावा उन्हें मधुमक्खियों द्वारा परागीकरण, मधुमक्खी के मोम एवं विष, प्रोपोलिस पराग व मधुमक्खी विषाक्त तैयार करना, रानी मक्खी बनाना तथा सभी उत्पादों से जुड़े बिक्री सम्बन्धित जानकरी दी गयी. प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को बैंकों की विभिन्न ऋण सुविधाओं के बारे में जानकारी दी गयी. खुम्ब उत्पादन प्रशिक्षण के आयोजक डॉ. नरेन्द्र यादव ने बताया कि खुम्ब उत्पादन का व्यवसाय भूमि हीन किसान व कम लागत से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते है.
इस प्रशिक्षण में डॉ. नरेश कुमार यादव डॉ. नरेन्द्र कुमार व अन्य विशेषज्ञों ने सफेद बटन मशरूम की काश्त, कम्पोस्ट बनाने की विभिन्न विधियों, स्पान एवं ढिंगरी मशरूम आदि की काश्त के बारे में विस्तार से जानकारी दी. प्रशिक्षण के दौरान जिला के सफल खुम्ब उत्पादन किसानों का संवाद प्रशिक्षणार्थियों से कराया ताकि वे बेहतर ढंग से खुम्ब उत्पादन के बारे में जानकारी ले सकें .
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