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Rice Export: भारत ने सात देशों को 10 लाख टन से अधिक गैर-बासमती चावल के निर्यात की दी अनुमति

केंद्र सरकार ने 18 अक्टूबर 2023 को सरकार से सरकार के आधार पर सात देशों को गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात को लेकर मंजूरी दे दी है. भारत 10.34 लाख टन चावल का निर्यात करेगा. फिलीपींस, मलेशिया, गिनी गणराज्य और नेपाल जैसे अन्य देश में एक्सपोर्ट किया जाएगा.

वर्तिका चंद्रा
India government allowed to exports
India government allowed to exports

केंद्र सरकार ने गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट (जी2जी) के आधार पर सात देशों को 10.34 लाख टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति दे दी है. विदेश व्यापार महानिदेशालय ने 18 अक्टूबर 2023 को एक अधिसूचना जारी की. इस अधिसूचना में कहा गया है कि शिपमेंट का प्रबंधन नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड द्वारा किया जाएगा. वहीं 10.34 लाख टन चावल में से फिलीपींस को चावल की अधिकतम मात्रा 2.95 लाख टन आवंटित की जाएगी.  जबकि कैमरून को 1.9 लाख टन,  मलेशिया को 1.7 लाख टन, कोटे डी आइवर को 1.42 लाख टन,  गिनी गणराज्य 1.42 लाख टन है. इसके अलावा नेपाल को 95,000 टन और सेशेल्स को 800 टन मिलेगा.

खाद्य सुरक्षा (फूड स्क्योरिटी)

गैर-बासमती सफेद चावल की सप्लाई के लिए संबंधित सरकारों के अनुरोध के बाद ही एक्सपोर्ट को लेकर अनुमति दी गई है. भारत ने घरेलू बाजार में सप्लाई सुनिश्चित करने और बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण पाने के लिए 20 जुलाई को सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. भारत सरकार ने तब कहा था कि वह पड़ोसी और कमजोर देशों की खाद्य सुरक्षा मांगों को पूरा करेगी. इसके अलावा, भारत अच्छे द्विपक्षीय संबंधों के कारण सिंगापुर को चावल की आपूर्ति करने पर भी सहमति जताई थी.

 

1200 डॉलर तय हुआ MEP

भारत ने उसना चावल पर 20 प्रतिशत एक्सपोर्ट शुल्क भी लगाया है. साथ ही साथ बासमती चावल के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य 1,200 डॉलर प्रति टन तय किया गया है. वहीं केंद्र ने साल 2022 सिंतबर महीने में टूटे हुए चावल के शिपमेंट पर प्रतिबंध लगाया था. इस साल के खरीफ सीज़न के दौरान धान की फसल पर दक्षिण-पश्चिम मानसून के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए ये प्रतिबंध लगाए गए.

बारिश का फसल पर पड़ा प्रभाव

जहां एक ओर जून में मानसून की देर से शुरुआत हुई है. वहीं दूसरी ओर जुलाई में अधिक बारिश हुई. इसके बाद अगस्त में 32 फीसदी कम बारिश हुई. आपको बता दें कि इस साल के वार्षिक वर्षा के मौसम को स्पष्ट रूप से प्रभाव देखने को मिला है. देश की सालाना बारिश में दक्षिण-पश्चिम मानसून का लगभग 85 प्रतिशत योगदान होता है.

 

मौसम ने बर्बाद की इन राज्यों की फसल

इस साल हरियाणा और पंजाब में जुलाई के दौरान भारी बारिश के कारण धान की फसल प्रभावित हुई है. वहीं तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में अगस्त महीने में लंबे समय तक मानसून शुष्क रहने से फसल प्रभावित हुई है.

इसे भी पढ़ें- भारत ने यूएई को नॉन-बासमती चावल के निर्यात दी मंजूरी, NCEL के जरिए होगा एक्सपोर्ट

अभी जारी नहीं हुआ एडवांस इस्टीमेट

केंद्र सरकार ने कहा है कि इस साल चावल का उत्पादन 112 मिलियन टन (एमटी) तक पहुंच जाएगा. हालांकि, अभी तक फसल का पहला एडवांस इस्टीमेट जारी नहीं किया गया है, जो आमतौर पर सितंबर के आखिरी सप्ताह में किया जाता है.

English Summary: India government allowed to exports 10.34 lakh tonnes non- basmati white rice to 7 countries Published on: 19 October 2023, 12:10 PM IST

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