जहां एक ओर देश के कई राज्यों में इन दिनों बारिश देखने को मिल रही है. वहीं दूसरी ओर मौसम बदलने का सबसे ज्यादा असर किसानों की फसलों पर पड़ता है. ऐसे में मध्य प्रदेश के कई इलाकों में भी बारिश का दौर जारी है. इसलिए मौसम विभाग के भोपाल केंद्र ने मध्य प्रदेश के बागवानी किसानों को सलाह देते हुए कुछ सावधानी बरतने की सलाह दी है. इसके साथ ही मौसम विभाग ने पशुपालक किसानों के लिए भी जरूरी जानकारी साझा की है.
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए बागवानी विशिष्ट सलाह (Horticulture Specific Advisory For Madhya Pradesh farmers)
बैंगन- तना बेधक और फल बेधक कीट की संभावना हो सकती है. ऐसे में अगर बैंगन और भिंडी में ये कीट दिखाई दे तो उसे तोड़कर नष्ट कर दें. इसके नियंत्रण के लिए 1 मिली / 4 लीटर पानी पर आधारित स्पिनोसैड 48 ईसी कीटनाशक का घोल बनाकर स्प्रे करें.
टमाटर और मिर्च- इस समय टमाटर की फसल में पत्ती के मुड़ने की संभावना हो सकती है. इसलिए यदि ऐसा प्रतीत होता है, तो थियोमेथैक्सम 25 डी.जी. का उपयोग करें. इसे नियंत्रित करने के लिए 100 ग्राम दवा का 500 से 600 लीटर पानी में घोल बना कर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें.
नींबू- नींबू और बेर की सूखी शाखाओं को काट लें और प्लेटों को निराई करें और आवश्यकतानुसार सिंचाई करें.
आम और अमरूद- नए वृक्षारोपण के लिए गड्ढे तैयार करें.
मध्य प्रदेश के पशुपालकों के लिए बेहद जरूरी जानकारी
मवेशी(Cattle)
सूखा चारा दिन में दो बार दें.
समय-समय पर पशुओं को पीने का पानी उपलब्ध कराएं.
भूसा कटर को काटकर हरा चारा उपलब्ध कराएं.
एक्टो परजीवी (Ecto Parasite) को नियंत्रित करने के लिए ब्यूटॉक्स (Butox) का उपयोग करें.
पशुओं को 50-60 ग्राम नमक पानी में मिलाकर पिलाना चाहिए.
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मुर्गी पालन(Poultry)
7 दिन (F1) और 6 सप्ताह में R2B से चूजों का टीकाकरण करें.
रानीखेत रोग से बचाव के लिए कुक्कुट पक्षियों का टीकाकरण करें.
पक्षियों को खनिज मिश्रण और ताजा व साफ पानी उपलब्ध कराएं.
बकरी पालन (Goat Farming)
पीपीआर रोग को नियंत्रित करने के लिए बकरी का टीकाकरण करें.
बकरी को सूखी और छायादार जगह पर रखें और हरा चारा, ताजा व साफ पानी दिन में तीन बार दें.
एंडोएंडेक्टो परजीवी (Endoandecto Parasite) के लिए नियंत्रण के उपाय करें.
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