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कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी खुशखबरी, मिला पहला स्मार्ट कमर्शियल ड्रोन! खेती को बनाएगा और आसान

कृषि से जुड़े लोगों के लिए एक खुशखबरी है कि देश को पहला स्मार्ट कमर्शियल ड्रोन (Smart Coomercial Drone) मिल चुका है. ये ड्रोन खेती-बाड़ी (Farming) से जुड़े कामों को मिनटों में पूरा करेगा. तो चलिए इस लेख में जानते है इसके बारें में विस्तार से-

अनामिका प्रीतम
मिला पहला स्मार्ट कमर्शियल ड्रोन

कृषि से जुड़े लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. देश को पहला स्मार्ट कमर्शियल ड्रोन (Smart Coomercial Drone) मिल गया है. ये ड्रोन खेती-बाड़ी (Farming) से जुड़े कामों को घंटों की बजाय मिनटों में कर सकता है. तो चलिए जानते है इसके बारें में विस्तार से-

उत्तराखंड का पहला कमर्शियल ड्रोन(Uttarakhand's first commercial drone)

दरअसल, पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में कृषि संबंधी कामों में कमर्शियल ड्रोन  का पहली बार इस्तेमाल शुरू हुआ है. पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय (G. B. Pant University of Agriculture) द्वारा ये ड्रोन डेवलप किया गया है. दावा तो ये भी किया जा रहा है कि ये देश का पहला ऐसा कृषि विश्वविद्यालय है, जिसने एग्रीकल्चरल ड्रोन को अपने स्तर पर तैयार किया है. इसके साथ ही ये उत्तराखंड का पहला कमर्शियल ड्रोन बन गया है.

पंतनगर कृषि विश्विद्यालय के कुलपति तेज प्रताप और शोध निदेशक अजीत नैन ने इस ड्रोन का फसल अनुसंधान केंद्र में शुभारंभ किया. इस दौरान इसका ट्रायल भी किया गया. वही डॉ. नैन का कहना है कि संभवत: देश में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी कृषि विश्वविद्यालय ने इस तरीके का प्रयोग किया है.

ये भी पढ़ें-किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी! मोदी सरकार बनाएगी एग्रीकल्चरर इंफ्रास्ट्रषक्चनर को मजबूत

ड्रोन की खासियत क्या-क्या हैं?(What are the features of drones?)

ये घंटों का काम मिनटों में करता है. कहा जा रहा है कि इस ड्रोन से मात्र 15 मिनट में ही 1 हेक्टेयर भूमि स्प्रे कर सकते है. ये इतना स्मार्ट है कि श्रम और लागत बचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके इस्तेमाल से 35 से 40 फीसदी तक केमिकल का खर्चा कम होता है. आने वाले समय में ये फसलों पर छिड़काव के साथ ही फसलों के रोगों को पहचानने का काम भी कर सकता है.

किसानों के लिए खेती करना और भी आसान (Farming even easier for farmers)

पंतनगर कृषि विश्विद्यालय के कुलपति तेज प्रताप के अनुसार, अब विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक ड्रोन में मल्टी स्पेक्ट्रल कैमरे का इस्तेमाल भी करने जा रहे हैं. जिससे फसल पर लगे रोगों और कीटों की पहचान करना संभव हो सकेगा. ऐसी भी तैयारी की जा रही है कि केवल उन्हीं पौधे पर छिड़काव किया जाये तो रोगग्रस्त हो रहे हैं.  इसके साथ ही आने वाले समय में ड्रोन का इस्तेमाल बस स्प्रे ही नहीं, ​फर्टिलाइज़र देने और बीजारोपण करने जैसे कामों में भी किया जा सकेगा. इस ड्रोन के आने के बाद अब उत्तराखंड के किसानों के लिए खेती करना और भी आसान हो गया है.

English Summary: Great news for the agriculture sector, the first smart commercial drone found! will make agriculture easier Published on: 25 March 2022, 11:38 AM IST

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