पशुपालन क्षेत्र को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है, इसलिए पशुपालन क्षेत्र में समय-समय पर बड़े बदलाव होते रहते हैं. इसी कड़ी झारखंड में पशुपालन क्षेत्र के लिए एक खास फैसला लिया गया है.
दरअसल, झारखंड सरकार द्वारा पशुपालन क्षेत्र को सुरक्षित बनाकर रोजगार के नए अवसर विकसित करने का लक्ष्य तय किया गया है. बता दें कि पशुपालन के क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि पशुओं के इलाज की सही व्यवस्था मिल पाती है, इसलिए इस योजना पर काम किया जा रहा है. आइए आपको इस संबंध में पूरी जानकारी देते हैं.
क्या है नया लक्ष्य
दरअसल, पशुओं की अलग-अलग बीमारियों से मौत हो जाती है, जिसको रोकने के लिए एक व्यापक कार्ययोजना बनाई गई है. झारखंड पशुपालन विभाग द्लारा राज्य में चलंत पशु चिकित्सालय की शुरुआत की जाएगी. इसके तहत अलग-अलग ग्रामीण इलाकों में भ्रमण किया जाएगा और पशुओं का इलाज किया जाएगा.
राज्य सरकार को 90 लाख रुपए का आवंटन
जानकारी के लिए बता दें कि मौजूदा समय में केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के लिए राज्य सरकार को 90 लाख रुपए का आवंटन दिया गया है. इसके तहत 30-30 लाख रुपए की लागत से 3 मोबाइल वेटनरी हॉस्पिटल की शुरुआत की जा रही है. यह अस्पताल वाहन में संचालित होगा, जिसमें विशेषज्ञ, पशु चिकित्सक, सभी अत्याधुनिक चिकित्सकीय उपकरण और कर्मचारी मौजूद रहेंगे. यह वैन अलग-अलग दिन अलग-अलग इलाकों का भ्रमण करेंगी. इसके साथ ही पशुओं का इलाज करेंगी. इसकी संख्या आने वाले दिनों में और बढ़ा दी जाएगी.
रांची में होगा पहला मॉंडल पशु चिकित्सालय
पशुपालन विभाग की ओर से राजधानी रांची में पहला मॉडल पशु चिकित्सालय बनाया जाएगा. इस योजना पर लगभग 28 करोड़ रुपए की लागत खर्च होगी. बताया जा रहा है कि यह पशु चिकित्सालय धुर्वा इलाके में खोला जाएगा.
100 पशु चिकित्सालय होंगे अपग्रेड
राज्य सरकार की योजना के तहत वित्तीय वर्ष में 100 पशु चिकित्सालयों को अपग्रेड करने का निर्णय लिया गया है.
बता दें कि राज्य में छोटी-छोटी कमियों के कारण पशु चिकित्सालय बेकार पड़े हैं, इसलिए ग्रामीण इलाकों में पशुपालन करने वाले लोगों को पशुओं के इलाज के लिए बेहतर सुविधा नहीं मिलती है. ऐसे में सरकार ने फैसला लिया है कि सभी 5 प्रमंडल में पहले से स्थापित पशु चिकित्सालय के अपग्रेडेशन का कार्य होगा.
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