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फल व सब्जियां: बागवानी की कृषि जीडीपी में भूमिका और महत्व

संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2021 को फल व सब्ज़ियों का अन्तरराष्ट्रीय वर्ष घोषित किया है. इस अवसर पर टिकाऊ खाद्य उत्पादन बढ़ाने और खाद्य पदार्थों को कूड़े-कचरे में तब्दील होने से रोकने के लिए और ज़्यादा प्रयास करने का भी आह्वान किया गया. यह अभियान पोषण और खाद्य सुरक्षा में फल व सब्ज़ियों की बहुत अहम भूमिका के बारे में जानकारी बढ़ाने के इरादे से शुरू किया गया है.

चन्दर मोहन
Farmer
Farmer

संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2021 को फल व सब्ज़ियों का अन्तरराष्ट्रीय वर्ष घोषित किया है. इस अवसर पर टिकाऊ खाद्य उत्पादन बढ़ाने और खाद्य पदार्थों को कूड़े-कचरे में तब्दील होने से रोकने के लिए और ज़्यादा प्रयास करने का भी आह्वान किया गया. यह अभियान पोषण और खाद्य सुरक्षा में फल व सब्ज़ियों की बहुत अहम भूमिका के बारे में जानकारी बढ़ाने के इरादे से शुरू किया गया है.

क्या आपने कभी सोचा की बागवानी के बारे में कहाँ से जानकारी हासिल की जाये? इसकी पढाई कैसे होती है?

इसी को ध्यान में रखते हुए हमने इंस्टिट्यूट ऑफ़ हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉ आर एस कुरील से जब बात की तो पता चला की भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ग्रेटर नोएडा में बागवानी प्रौद्योगिकी संस्थान की शुरुआत की गयी. यहाँ पर कृषि क्षेत्र में रेगुलर पढाई के अतिरिक्त छोटे कोर्स का सर्टिफिकेट और  डिप्लोमा सर्टिफिकेट घर बैठे ही दूरस्थ तरीके से हासिल कर सकते हैं. बहुत जल्द ही यह संस्थान एक यूनिवर्सिटी के तौर पर कार्य करने लगेगा. 

यूएन प्रमुख ने कहा, ऐसे समय में, जबकि कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर में लोगों के स्वास्थ्य और आजीविकाओं पर तबाही मचाई हुई है. हमें मिलजुलकर ही ये सुनिश्चित करना होगा कि बेहद नाज़ुक हालात में रहने वाले लोगों तक पोषक भोजन पहुँच सके, जिसमें फल व सब्ज़ियाँ भी हों और कोई भी पीछे ना छूट पाए.यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने खाद्य प्रणालियों और टिकाऊ विकास के बीच की मज़बूत कड़ी की तरफ़ भी ध्यान आकर्षित किया है.उन्होंने आह्वान किया कि खाद्य प्रणालियों को और ज़्यादा समावेशी, मज़बूत व लचीली और टिकाऊ बनाएँ, जिसमें उत्पादन व खपत के लिए ऐसी सम्पूर्ण व व्यापक दायरे वाले तरीक़े अपनाएं, जिससे इनसानों और पर्यावरण, दोनों के स्वास्थ्य के लिये फ़ायदा हो. अधिक जानकारी के लिए विडियो के लिंक पर क्लिक करें https://youtu.be/ZvsaAZjXbEU

महासचिव ने कहा, “आइये, अन्तरराष्ट्रीय वर्ष को, हम ये सोचने के लिए एक अवसर के रूप में इस्तेमाल करें कि खाद्य पदार्थों का जो उत्पादन और उनका उपभोग करते हैं, उसके बीच क्या सम्बन्ध है.

भारतीय बागवानी का जीडीपी में योगदान  (Contribution of Indian Horticulture to GDP)

बागवानी (फलों में नट, फल, आलू सहित सब्जियों, कंदीय फसलें, मशरूम, कट फ्लावर समेत शोभाकारी पौधे, मसाले, रोपण फसलें और औषधीय एवम सगंधीय पौधे) का देश के कई राज्यों के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान है और कृषि जीडीपी में इसका योगदान 30.4 प्रतिशत है.

  • फलों और सब्जियों का विश्व में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश.

  • आम, केला, नारियल, काजू, पपीता, अनार आदि का शीर्ष उत्पादक देश.

  • मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश.

  • अंगूर, केला, कसावा, मटर, पपीता आदि की उत्पादकता में प्रथम स्थान

  • ताजा फलों और सब्जियों के निर्यात में मूल्य के आधार पर 14 प्रतिशत और प्रसंस्करित फलों और सब्जियों में 27 प्रतिशत वृद्धि दर.

  • कृषि में वांछित विकास के लिए बागवानी क्षेत्र को प्रमुख भूमिका निभाने के लिए निम्न अनुसंधान प्राथमिकता के क्षेत्रों पर केंद्रित करना:

  • बागवानी फसलों में उत्पादकता और गुणता सुधार

  • अपारम्परिक क्षेत्रों के लिए बागवानी किस्मों का विकास

  • फल और सब्जी उत्पादन में एरोपोनिक्स और हाइड्रोपोनिक्स तकनीकों का मानकीकरण

  • फलों और सब्जियों में पोषण गुणता का अध्ययन

  • बागवानी फसलों में कटाई उपरांत तकनीकी और मूल्य वर्धन

  • फलों और सब्जियों के लंबे भंडारण और परिवहन के लिए संशोधित पैकेजिंग

English Summary: Fruits and vegetables: The role and importance of horticulture in agricultural GDP Published on: 19 January 2021, 06:17 PM IST

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