किसानों को सुविधा प्रदान देने के लिए मौद्रिक प्रतिष्ठान (Monetary Establishment) किसान उत्पादक संगठनों (FPO) के कार्यों को व्यापक बनाने के लिए क्रेडिट स्कोर सुविधाओं (Credit Score Features) का विस्तार करने जा रहे हैं, ताकि किसानों को FPO मॉडल के अंदर किसी भी तरह की कठिनाई का सामना ना करना पड़े.
एफपीओ ने आरबीआई से मांगी मदद (FPO seeks help from RBI)
इसी संदर्भ में एफपीओ (FPO) ने आरबीआई से आग्रह किया गया है कि वह बैंकों से एफपीओ को अपने उधार की रिपोर्ट करने और एनबीएफसी को आपूर्ति करने के लिए अनुरोध करने वाले निर्देश में सुविधा प्रदान करें.
एफपीओ में बुनियादी ढांचा बनाना है जरूरी (It is necessary to create infrastructure in FPO)
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इसके अलावा, CII-NABCONS की रिपोर्ट में कहा गया है कि FPO मॉडल (FPO Model) के भीतर विकास, पूरे राज्यों में विस्तार असमान रहा है, जिससे इसकी सफलता सीमित हो गई है.
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वहीं दूसरी ओर रिपोर्ट में पेशेवर प्रशासन की कमी, एफपीओ में कमजोर आंतरिक शासन, कार्रवाई करने के लिए कम पूंजीकरण और इसी तरह क्रेडिट स्कोर, अपर्याप्त क्रेडिट स्कोर लिंकेज, बाजार में प्रवेश और बुनियादी ढांचे में अपर्याप्त प्रवेश जैसे घटकों की पहचान की गई है.
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फरवरी, 2020 में, सरकार ने 2027-28 तक 10,000 एफपीओ के गठन और संवर्धन की एक केंद्रीय क्षेत्र योजना शुरू की थी. नाबार्ड डेटाबेस को ध्यान में रखते हुए, कुल मिलाकर 6,328 एफपीओ हैं जिन्हें मार्च 2021 तक आकार दिया गया है.
एक जिला एक उत्पाद (One district one product)
स्मॉल फार्मर्स एग्री-एंटरप्राइज कंसोर्टियम (Small Farmers Agri-Enterprise Consortium) में 900 से अधिक एफपीओ पंजीकृत हैं. योजना के तहत, एफपीओ का गठन (Formation of FPO) और प्रचार उत्पाद क्लस्टर स्पेस रणनीति और विशेष वस्तु-आधारित रणनीति पर निर्भर करता है. जबकि क्लस्टर-आधारित रणनीति अपनाते हुए, उत्पाद विशेषज्ञता में सुधार के लिए एफपीओ के गठन पर 'एक जिला एक उत्पाद' पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है.
किसानों के लिए बनाई जाएगी धन की आसान प्रणाली (Easy system of money will be made for farmers)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किसानों को विशेष रूप से बैंकों से क्रेडिट स्कोर (Credit Score) प्राप्त करना मुश्किल लगता है और अक्सर स्थानीय नकद उधारदाताओं पर निर्भर रहना पड़ता है और ब्याज की अत्यधिक दरों का भुगतान करना पड़ता है.
खाद्य प्रसंस्करण व्यवसाय मंत्रालय के संयुक्त सचिव मिन्हाज आलम ने कहा कि "किसानों को धन की सामान्य आपूर्ति के लिए एक प्रणाली की आवश्यकता है".
छोटे और सीमांत किसानों को नहीं होगी अब परेशानी (Small and marginal farmers will no longer have trouble)
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने कहा कि "सरकार छोटे और सीमांत किसानों की आय बढ़ाने के अपने प्रयासों के तहत अतिरिक्त एफपीओ की स्थापना को बढ़ावा देगी, किसान अपने गांवों के बुनियादी ढांचे की कमी के परिणामस्वरूप तुरंत अपनी उपज का संचालन नहीं कर सकते हैं. इसलिए किसानों की ताकत और आय बढ़ाने के लिए एफपीओ को ग्राम स्तर पर निर्धारित करने की आवश्यकता है".
कृषि मंत्रालय की जानकारी के अनुसार, लगभग 86% किसान छोटे और सीमांत हैं, जिनकी सामान्य भूमि 1.1 हेक्टेयर से कम है. एफपीओ ऐसे छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों को ऐसे मुद्दों से निपटने के लिए सामूहिक ऊर्जा देने में सक्षम होने में मदद करते हैं. सरकार की अनुमान है कि एफपीओ अपनी आय में तेजी से वृद्धि के लिए विशेषज्ञता, प्रवेश, वित्त और बाजार में बेहतर प्रवेश पाने के लिए संगठन में सामूहिक रूप से अपने कार्यों को संभालेंगे.
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