
FCI wheat and rice stock: केंद्र सरकार जल्द ही राज्यों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत तीन महीने का राशन एक साथ उठाने की अनुमति दे सकती है. इसका उद्देश्य एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) के गोदामों में भरे पड़े चावल और गेहूं के स्टॉक को खाली करना है ताकि नई फसल के आने से पहले भंडारण की जगह उपलब्ध हो सके. यह कदम सरकार के लिए कोई नया नहीं है, बल्कि हर साल की तरह यह एक नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है.
मई में मिलेगा जून, जुलाई और अगस्त का राशन
खबरों के अनुसार, राज्यों को जून, जुलाई और अगस्त महीने का राशन कोटा मई में ही दे दिया जाएगा. इस कोटे को 31 मई तक उठाने की व्यवस्था होगी, जिसके लिए राज्यों को अतिरिक्त समय यानी छूट अवधि भी दी जाएगी. इससे पहले भी कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार ने एक साथ दो महीने का राशन राज्यों को वितरित किया था.
एफसीआई के पास 86 मिलियन टन का अनाज स्टॉक
28 फरवरी 2025 तक एफसीआई के गोदामों में कुल 86 मिलियन टन अनाज (चावल और गेहूं) का भंडार मौजूद था. यह स्टॉक देश की जरूरतों से कहीं अधिक है. खबरों के अनुसार, 27 अप्रैल तक केंद्रीय पूल में 6 करोड़ 61 लाख 70 हजार टन चावल और गेहूं का भंडारण अनुमानित था, जो एक साल से भी अधिक की राशन आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त है.
हर महीने 80 करोड़ लोगों को मिलता है मुफ्त राशन
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत देशभर में लगभग 80 करोड़ लोगों को हर महीने मुफ्त राशन दिया जाता है. हर लाभार्थी को प्रति माह 5 किलो चावल या गेहूं या दोनों मिलते हैं. इस योजना के तहत हर महीने 33 से 34 लाख टन चावल और 15 से 16 लाख टन गेहूं का वितरण किया जाता है. यानी कुल मिलाकर हर महीने लगभग 50 लाख टन अनाज मुफ्त बांटा जाता है. साल भर में यह आंकड़ा लगभग 6 करोड़ टन तक पहुंचता है.
स्टॉक प्रबंधन के लिए उठाया गया कदम
खबरों के मुताबिक, गोदामों में नई फसल आने से पहले जगह बनाना जरूरी होता है. ऐसे में तीन महीने का राशन एक साथ उठाने की अनुमति देना एक रणनीतिक फैसला है, जो हर साल दोहराया जाता है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस फैसले का मौजूदा सीमा विवाद या किसी अन्य राजनीतिक स्थिति से कोई संबंध नहीं है.
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