अब जमीन ही नहीं, बल्कि आसमान भी किसानों की झोली भरने के लिए एकदम तैयार है. इसके लिए दिल्ली सरकार ने एक खास संचालित कर रही है, जिसका नाम मुख्यमंत्री कृषि आय बढ़ोतरी योजना है.
इस योजना के जरिए किसान किसान दोहरा लाभ कमा रहे हैं, तो चलिए आपको इस तकनीक के विषय में अधिक जानकारी देते हैं.
सौर उर्जा संयंत्र में सब्जी की खेती (Vegetable cultivation in solar power plant)
मुख्यमंत्री कृषि आय बढ़ोतरी योजना के तहत उजवा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र प्रायोगिक तौर पर बने सौर उर्जा संयंत्र के ऊपरी व निचले हिस्से में सब्जी की खेती हो रही है. खास बात यह है कि यहां सूरज की गर्मी से बिजली भी तैयार हो रही है.
यह संयंत्र आधे एकड़ में फैला है. इसकी मदद से मध्य फरवरी से लेकर 31 अगस्त तक लगभग 92 हजार यूनिट बिजली पैदा हो चुकी है. इसके नीचे यानि जमीन पर सब्जियों की खेती की जा रही है. कुल मिलाकर ये भूमि हरा सोना उगल रही है.
मिल रहा है सब्जियों का अच्छा उत्पादन (Getting good production of vegetables)
अभी तक विज्ञानी इस हिस्से में लगभग 40 किलो करेला, 30 किलो घीया, 30 किलो तोरी, 75 किलो पालक की पैदावार ले चुके हैं. यहां लगभग 1 क्विंटल भिंडी भी उगाई जा चुकी है, जिससे 31 किलो तक बीज भी बनाया जा चुका है. विज्ञानी द्वारा सौर ऊर्जा व खेती के संयुक्त मॉडल को आम के आम गुठलियों के दाम करार किया गया है.
अच्छी बात यह है कि दिल्ली के साथ-साथ कई अन्य राज्य के किसान भी उजवा पहुंचकर वैज्ञानिकों से इस माडल की जानकारी ले रहे हैं. कृषि विज्ञान केंद्र की मानें, तो अब संयंत्र से सटे करीब आधे एकड़ जमीन पर हाइड्रोपोनिक्स विधि से खेती करने की तैयारी चल रही है.
क्या है मुख्यमंत्री कृषि आय बढ़ोतरी योजना? (What is Chief Minister's Agricultural Income Augmentation Scheme)
दिल्ली सरकार की तरफ से एक महात्वाकांक्षी कृषि परियोजना संचालित की जा रही है. जिसे मुख्यमंत्री कृषि आय बढ़ोतरी योजना का नाम दिया गया है.
इसके तहत हरित पट्टी के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाने हैं, लेकिन ऐसा तब हो सकता है, जब किसान अपनी जमीन पट्टे पर देने के लिए स्वीकृति देंगे. किसान इस योजना को भलीभांति समझे, इसके उद्देश्य से ही प्रायोगिक संयंत्र लगाया गया है.
इस तरह सौर ऊर्जा संयंत्र में सोलर प्लेट लगाए गए हैं कि जमीन पर बागवानी होती रहे. इसके लिए सोलर प्लेट लोहे के खंभे पर लगाए गए हैं. इसके नीचे किसान खेती कर सकते हैं. हालांकि, इसके ऊपर प्लेट लगे है, जिसकी वजह से जमीन पर धान या गेहूं की खेती नहीं हो सकती है. मगर सब्जी या फूल उगा सकते हैं.
वैज्ञानियों का कहना है कि यहां बागवानी में कोई कठिनाई नहीं होती है. मौजूदा समय में किसान लगभग एक एकड़ में गेहूं या धान की खेती करने पर सालभर में लगभग 50 से 60 हजार तक का मुनाफा कमाते हैं.
इतना ही नहीं, सौर ऊर्जा संयंत्र के एवज में किसानों को जमीन का किराया भी मिलेगा. इसके साथ ही नीचे बागवानी के लिए किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. इससे किसानों को काफी अच्छा लाभ मिलेगा, साथ ही उनकी आमदनी भी बढ़ पाएगी.
जानकारी के लिए बता दें कि सोलर पैनल की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. केंद्र व राज्य सरकार की तरफ से सोलर पावर स्कीम (solar power scheme) के जरिए रोजगार भी मिल सकता है. बैंक भी सोलर पैनल के लिए आसान किश्तों में लोन मुहैया करा रहे हैं. आप भी इससे जुड़कर अच्छी आमदनी कर सकते हैं.
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