सरकार सौर ऊर्जा (सोलर एनर्जी) को बढ़ावा देने के लिए और किसानों को भी अच्छी आमदनी कमाने के लिए एक अच्छा अवसर प्रदान कर रही है. जिससे सरकार के साथ - साथ किसानों और आम जनता को भी लाभ होगा. सरकार सोलर फार्मिंग ( सोलर बिजली ) प्लांट के लिए किसानों की बंजर और बेकार ज़मीन को किराये पर लेकर उसको सोलर फार्मिंग के लिए इस्तेमाल करेगी. जिससे किसानों को इस बंजर ज़मीन का किराया मिलेगा. जिन किसानों के पास 1 एकड़ ज़मीन है उन्हें सालाना 80 हज़ार रुपए सरकार देगी. इसे किसान ऊर्जा सशक्तिकरण मिशन (कुसुम) जल्द ही लांच करेगा.
ये भी पढ़ें - भिंडी लगाने पर राज्य सरकार दे रही है 8 हज़ार की सब्सिडी
इस योजना के तहत किसान खेतों में सोलर प्लांट के साथ वहां सब्जी व बाकि छोटी फसल भी उगा सकते हैं.
नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के अधिकारी ने कहा है कि इस प्लांट को लगाने में 5 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ती है. एक मेगावाट सोलर प्लांट से पुरे साल में लगभग 11 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा सकता है. जिन किसानों के पास अपनी एक एकड़ जमीन है तो वह उसपर 0.20 मेगावाट का प्लांट लगा सकते हैं. इस प्लांट से सालाना 2.2 लाख यूनिट बिजली पैदा की जा सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि कुसुम स्कीम के अंतर्गत जो भी किसान अपनी जमीन पर सोलर प्लांट लगवाएगा. उस किसान को प्रति यूनिट का केवल 30 पैसे का किराया देना होगा. जिससे किसानों को 6600 रुपए प्रतिमाह मिलेंगे और सालाना कमाई उनकी लगभग 80 हज़ार रुपए होगी.
ये भी पढ़ें - 'प्रधानमंत्री सिंचाई योजना' से कैसे करें 40 फीसद अधिक पैदावार
इस प्लांट को लगाने के लिए किसान से कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाया जायेगा और इसके बाद भी ज़मीन पर मालिकाना हक किसान का ही होगा. इस योजना से किसानों को दोगुना फायदा होगा. एक तो ज़मीन का किराया मिलेगा और दूसरा किसान उस ज़मीन पर छोटी फसलों की खेती भी कर सकता है.
Share your comments