देश की राजधानी दिल्ली में किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है. किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च को मद्देनजर रखते हुए दिल्ली पुलिस को शहर के 9 स्टेडियमों को अस्थायी जेल बनाने की अनुमति नहीं दी गई है. आपको बता दें कि दिल्ली में किसान मार्च को देखते हुए पुलिस ने दिल्ली सरकार से 9 स्टेडियमों को अस्थायी जेल के रूप में इस्तेमाल करने की मांग की थी. इन जगहों पर हिरासत और गिरफ्तार किए गए किसानों को रखने की योजना थी. गौरतबलब है कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए 3 कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. हरियाणा और पंजाब से भारी तादाद में आए किसान लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस प्रदर्शन को देखते हुए ही दिल्ली को किले में तबदील कर दिया गया. हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात है और किसानों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगाई गई है.
सिंघु बॉर्डर पर किसानों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे
आपको बता दें कि प्रदर्शन के दूसरे दिन भी हजारों की संख्या में किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं. इस दौरान दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाली सीमा पर नरेला में किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए हैं. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि किसानों को प्रदर्शन करने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया गया है. उन्हें यह भी बताया जा रहा है कि मौजूदा समय में कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते किसी भी तरह की रैली या धरने की अनुमति नहीं है.
अधिकारियों का कहना है कि उन्हें अनुमति नहीं दी गई कि अगर प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली में एंट्री करें तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाए. बता दें कि हरियाणा से दिल्ली को जोड़ने वाले रास्तों को पुलिस ने बंद कर दिया है, इसलिए शहर के कई अहम रास्तों पर जाम लग गया. दिल्ली यातायात पुलिस की मानें, किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते ढांसा और झाड़ौदा कलां सीमाएं यातायात के लिए बंद कर दी गई है. ऐसे में यात्री वैकल्पिक मार्ग लें.
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