सीएनएच ने भारत में फलों की तुड़ाई तकनीक/ Fruit Harvesting Techniques के संबंध में सहयोग करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केंद्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान (आईसीएआर-सीआईटीएच/ ICAR-CITH), श्रीनगर के साथ एक समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया. इस साझेदारी के तहत अत्याधुनिक तकनीकों के ज़रिये फलों, विशेष रूप से सेब तोड़ने के मशीनीकरण को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. इससे भारत की विशिष्ट कृषि चुनौतियों के अनुरूप नवोन्मेषी समाधानों के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.
ऐसे में आइए सीएनएच के ICAR-CITH श्रीनगर के साथ हुए समझौता के बारे में विस्तार से जानते हैं कि कैसे अत्याधुनिक तकनीकों के ज़रिये फलों, विशेष रूप से सेब तोड़ने के मशीनीकरण को बढ़ावा मिलेगा-
किसानों और व्यापक कृषि समुदाय को मिलेगा लाभ
सीएनएच इंडिया टेक्नोलॉजी सेंटर/ CNH India Technology Center में उन्नत प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेष विभाग के ग्रुप लीडर डॉ. गर्व मोडवेल ने कहा, “यह रणनीतिक साझेदारी बागवानी के दायरे में अभूतपूर्व नवोन्मेष को आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहती है. आईसीएआर- सीआईटीएच के साथ मिलकर, हम कृषि दक्षता और उत्पादकता में एक बड़ा बदलाव लाने के लिए अपने ज्ञान तथा विशेषज्ञता के संयोजन के लिए तत्पर हैं, जिससे किसानों और व्यापक कृषि समुदाय को लाभ होगा.“
एमओयू के अनुसार, सीएनएच तुड़ाई के तरीके और विकास प्रक्रिया की देखरेख करेगी. कंपनी फील्ड परीक्षणों के लिए प्रोटोटाइप की आपूर्ति करेगी और परीक्षण परिणामों के आधार पर सुधार करेगी. आईसीएआर-सीआईटीएच श्रीनगर के निदेशक डॉ. एम.के. वर्मा ने कहा, “हम भारतीय बागवानी क्षेत्र में तकनीकी प्रगति लाने के लिए सीएनएच के साथ सहयोग करने के लिए तत्पर हैं. यह परियोजना हमारे विशेषज्ञों को समाधान विकसित करने में अपने अनुभव और समझ को लागू करने का अवसर प्रदान करती है, जो भारत में फलों की कटाई के भविष्य को नया आकार देने में मदद करेगी.
आईसीएआर-सीआईटीएच इमेज कलेक्शन, लॉजिस्टिक्स और परिचालन पहलुओं का मदद करेगा. संस्थान क्षेत्रीय परीक्षण डेटा जैसे तुड़ाई दक्षता, तुड़ाई के बाद के नुकसान और फलों की गुणवत्ता पर प्रभाव का विश्लेषण करेगा.
ये भी पढ़ें: श्रीअन्न पर कृषि विज्ञान केन्द्र ने किया दो दिवसीय प्रसार कार्यकर्ता प्रशिक्षण का आयोजन, जानें क्या रहा खास
सीएनएच इंडिया के बारे में...
सीएनएच इंडिया अपने केस आईएच, न्यू हॉलैंड एग्रीकल्चर और केस कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट ब्रांडों के माध्यम से 25 वर्षों से अधिक समय से 'मेड इन इंडिया' विनिर्माण संचालन के साथ इंजीनियरिंग उत्कृष्टता के विश्व स्तरीय उत्पाद प्रदान करने के वादे को पूरा करते हुए देश की सेवा करता है. आईसीएआर-सीआईटीएच इस पूरे हिमालय क्षेत्र में आर्थिक और पोषण संबंधी स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए फसल सुधार, उत्पादन, सुरक्षा और तुड़ाई के बाद के प्रबंधन को बढ़ाने के उद्देश्य से अनुसंधान पहल को तैयार करने और आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
Share your comments