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जैविक विधि से खेती कर सत्यवान बनें सफल किसान

दिल्ली के दरियापुर कलां गांव के प्रगतिशील किसान सत्यवान ने कृषि क्षेत्र में ऐसी इबारत लिखी है जो दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गयी हैं. दरअसल प्रगतिशील किसान सत्यवान जैविक विधि से प्याज और मटर की उन्नत खेती कर रहें है. जिसमें उनकों अच्छा मुनाफा हो रहा है. सत्यवान के खेती करने के तरीके से आसपास के किसान भी अब उनसे प्रभावित होकर उसी विधि से खेती कर रहे हैं और भारी मुनाफा कमा रहें है.

विवेक कुमार राय

दिल्ली के दरियापुर कलां गांव के प्रगतिशील किसान सत्यवान ने कृषि क्षेत्र में ऐसी इबारत लिखी है जो दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गयी हैं. दरअसल प्रगतिशील किसान सत्यवान जैविक विधि से प्याज और मटर की उन्नत खेती कर रहें है. जिसमें उनकों अच्छा मुनाफा हो रहा है. सत्यवान के खेती करने के तरीके से आसपास के किसान भी अब उनसे प्रभावित होकर उसी विधि से खेती कर रहे हैं और भारी मुनाफा कमा रहें है. एक तरह से यह कहें कि सत्यवान आसपास के किसानों के लिए मिसाल बन गए है.

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गौरतलब है कि सत्यवान जी प्याज की खेती के लिए प्याज की नर्सरी स्वयं तैयार करते हैं. इसके लिए प्याज के बीज भी वो स्वयं तैयार करते है. प्याज की नर्सरी के लिए वो बेड मेकर मशीन का इस्तेमाल करते हैं. सत्यवान जी के मुताबिक वो पहले परंपरागत तरीके से 'प्याज की नर्सरी' तैयार करते थे जो अच्छी तरह से तैयार नहीं हो पाता था. जिस वजह से उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ता था. लेकिन वो आगे चलकर रासायनिक खेती का त्याग कर जैविक विधि अपनाने के साथ ही आधुनिक यंत्रों को अपनाकर आधुनिक तरीके से प्याज की नर्सरी तैयार करने लगे जिसमें उन्हें फायदा होने लगा. बताते चले की वर्तमान में सत्यवान प्याज की नर्सरी से भी अच्छा मुनाफा कमा रहे है. वो प्याज की नर्सरी को औसतन 100 किलों की दर से अन्य किसानों को बेचते है.

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अगर मटर की खेती के बारे में बात करें तो सत्यवान जी मटर की खेती वर्तमान समय में जिस विधि का बोलबाला है यानि रासायनिक विधि, उस विधि को त्यागकर जैविक विधि से कर रहे है. उनके मुताबिक जैविक विधि से उपज भी रासायनिक विधि की अपेक्षा ज्यादा अच्छी हो रही है. मटर और प्याज की सिंचाई के लिए उन्होंने ड्रिप और स्प्रिंकलर विधि को अपना रखा है ताकि उचित मात्रा में मटर के हर एक पौधे तक पानी पहुंच सके. सत्यवान के मुताबिक परंपरागत तरीके से सिंचाई न करके ड्रिप और स्प्रिंकलर विधि से सिंचाई करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि मटर को पाले से आसानी से बचाया जा सकता है और मटर की अच्छी पैदावार की जा सकती है. फ़िलहाल सत्यवान 2 एकड़ मटर की खेती कर रहे है. सत्यवान के मुताबिक 1 एकड़ में औसतन 18-20 किलो बीज मटर लग जाता है जिसकी बाजार में कीमत 200-220 रुपये होती है.

English Summary: Peas and onion cultivation by Organic farming Published on: 22 January 2019, 03:33 PM IST

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