यकीनन, जब आपकी नजर उक्त शीर्षक पर गई होगी, तो आप एक पल के लिए आश्चर्चचकीत हो गए होंगे, लेकिन अभी हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भांग की खेती को वैध करने की मांग अपने चरम पर पहुंच चुकी है। सभी विधायकगण प्रदेश में भांग की खेती को वैध करने की मांग कर रहे हैं, जिसको मद्देनजर यह माना जा रहा है कि कुछ ही दिनों में भांग की खेती को वैध किया जा सकता है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर विधायकों की मांग को मद्देनजर रखते हुए इसे अमुमोदित कर सकते हैं। विधायकों का कहना है कि अगर ऐसा हुआ, तो प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। हालांकि, अभी-भी प्रदेश में भांग की जारी है, मगर कानून की दृष्टि में इसे वैध नहीं माना जाता है।
उत्तराखंड में वैध है भांग की खेती
यहां हम आपको बताते चले कि ऐसा करने वाला हिमाचल प्रदेश पहला राज्य नहीं है, बल्कि इससे पहले साल 2018 में ही उत्तराखंड में भी भांग की खेती को वैध किया जा चुका है। उत्तराखंड में भांग की खेती रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में बेहद कारगर साबित हो रही है। हिमाचल प्रदेश के अलावा मणिपुर में भी भांग की खेती को लीगल करने की दिशा में विचार-विमर्श किया जा सकता है।
अवैध है भांग की खेती
मौजूदा वक्त में 1985 नार्कोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंसेज के तहत भांग की खेती को अवैध माना किया गया है , लेकिन अब इसकी उपयोगिता को मद्देनजर रखते हुए आगामी दिनों में इसे कई राज्यों में वैध करने की मांग उठ रही है।
बहुत उपयोगी है भांग
कई राज्यों में लगातार भांग की खेती को वैध करने की मांग उठ रही है, चूंकि इसके पीछे एक वजह है, जहां एक तरफ से यह लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में कारगर साबित हो रही है, तो वहीं इसके बहुत सारे उपयोग है। उधर, बात अगर नशे की करें, तो आपको लगता होगा कि इसका इस्तेमाल महज नशे के लिए ही किया जाता है , लेकिन ऐसा नहीं है, इसका इस्तेमाल नशे के इतर भी कई महत्वपूर्ण कामों के लिए भा किया जाता है, जिसको ध्यान में रखते हुए इसे बहुत उपयोगी माना जा रहा है।
औषधीय के लिए भी होता है इस्तेमाल
भांग का इस्तेमाल औषधीय निर्माण के लिए भी किया जाता है। रस्सी, चटाई और खाद पदार्थों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, भवन निर्माण की सामाग्री बनाने के लिए भी भांग के पौधों का इस्तेमाल किया जाता है। बहरहाल, अब हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती कब तक वैध हो पाती है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।
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