गांवों के कई लोग रोजगार की तलाश में शहरों की ओर रूख कर रहे है, पर आज भी भारत की कुल 70 फीसदी आबादी आजीविका के लिए कृषि पर परोक्ष रूप से आश्रित है. यह इस बात की तस्दीक करने के लिए पर्याप्त है कि लोगों का कृषि क्षेत्र में रूझान कम नहीं हुआ है. पूर्व में कृषि गतिविधियों को संचालित करने की शैली और वर्तमान समय में उपयोग आने वाली तकनीकों में बहुत अंतर है. पहले बिना तकनीकियों के उपयोग के ही कृषि की जाती थी.
अब कृषि क्षेत्र में जिस तरह से तकनीकियों का इस्तेमाल हो रहा है,उससे अन्न की पैदावार भी ज्यादा होती है और किसानों को भी अधिक लाभ मिल रहा है. इस लेख में पढ़िएं कृषि क्षेत्र में आर्टिफिशल तकनीकों का क्या है योगदान.
आर्टिफिशयल तकनीकों का योगदान
कृषि ने हमारे देश की अर्थव्यवस्था को एक नई रफ्तार देने का काम किया है. कृषि क्षेत्र में कई तरह की तकनीकियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, तो एक ऐसी तकनीक का इस्तेमाल कृषि क्षेत्र को नई रफ्तार देने के लिए किया जिसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है. इससे कृषि गतिविधियों में सुगमता पैदा हुई है. इससे फसल उत्पादन, कटाई, प्रसंस्करण और विपणन में सहायता मिलती है. नवीनतम स्वचालित प्रणालियों में कृषि रोबोट और ड्रोन, ने कृषि के क्षेत्र में संभावनाओं के नए द्वार खोले है.
कृषि क्षेत्र में एआई का इस्तेमाल
कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली एआई तकनीक के निम्न लाभ है
- इसका इस्तेमाल खेतों में खरपतवारों और कीटों के प्रभाव को कम करने के लिए किया जाता है.
- इसका इस्तेमाल कृषि रोबोटिक्स में भी किया जाता है.
- ड्रोन को फसलों पर कीटनाशकों का छिड़काव करने में भी इस्तेमाल किया जाता है.
- फसल की देखरेख के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.
- अप्रत्याशित मौसम की विषम परिस्थितियों का पूर्वानुमान लगाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. प्राकृतिक आपदाओं की पूर्व जानकारी के आधार पर किसान भाई अपनी फसलों को नुकसान से बचा सकते हैं.
वर्तमान में भारत अन्न उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनने की और अग्रसर है. यह किसानों की मेहनत का नतीजा है और यह संभव हो पा रहा है क्योंकि सरकार प्रयासरत है किसानों की सहायता के लिए. कृषि गतिविधियों के संचालन में तकनीकियों का इस्तेमाल करके कृषि से अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सकता है
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