संकट की इस घड़ी में देश की खाद कंपनियां भी आगे आई हैं. किसानों के लिए उर्वरक बनाने वाली विभिन्न कंपनियों ने कहा है कि वे कोरोना मरीजों के लिए प्रतिदिन 50 मिट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई करेंगी. इस संबंध में जलमार्ग और रासायनिक एवं उर्वरक राज्य मंत्री, मनसुख मंडाविया ने सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और सहकारी क्षेत्र की उर्वरक कंपनियों के साथ बैठक भी की.
जैविक प्रमाणन पाने वाला पहला भूभाग बना अंडमान और निकोबार
अंडमान और निकोबार में लगभग 14 हजार 491 हेक्टेयर क्षेत्र को जैविक खेती प्रमाणित किया गया है, जो एक सरकारी योजना के तहत प्रमाणीकरण किया जाने वाला पहला बड़ा क्षेत्र है। कृषि मंत्रालय ने यह जानकारी देते हुए कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के बाद, लक्षद्वीप और लद्दाख अपने पारंपरिक जैविक खेती क्षेत्रों को प्रमाणित जैविक खेती में बदलने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
हरी मिर्च की खेती में भारत सबसे आगे
कृषि उत्पाकदों के लिए निर्धारित प्राधिकरण एपीडा ने दुबई के लिए हरी मिर्च का निर्यात किया है. एपीडा ने इस हरी मिर्च की खरीदारी उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के किसानों से की. इससे पहले एपीडा देश के कई अन्य इलाकों से आम के विभिन्न क़िस्मों का भी निर्यात कर चुका है. बता दें मिर्च के खपत के मामले में भारत सबसे आगे है. कुल वैश्विक खपत का करीब 36 फीसदी मिर्च भारत में ही उगाया जाता है.
AIF स्कीम के तहत 3 करोड़ का लोन दे रही सरकार
सरकार ने किसानों के लिए एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड शुरू किया है. देश में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को बढ़ावा देने के लिए यह स्कीम शुरू की गई है. जिसके अंतर्गत किसानों को सालाना 3 परसेंट की दर पर ब्याज मिलेगा. साथ ही क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट के तहत 3 करोड़ रुपये के लोन पर क्रेडिट गारंटी कवरेज की सुविधा भी दी जा रही है.
किसानों ने ऑनलाइन आम बेच कर कमाएं दो करोड़ रुपये
वास्तव में, देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन के कारण, थोक व्यापारी माल नहीं उठा रहे हैं, बगीचों के मालिकों ने अपने खुद के नेटवर्क का निर्माण करना शुरू कर दिया है और अल्फांसो आमों को ऑनलाइन बेचा जा रहा है। ऐसे में उद्यान के मालिक प्रशांत पावले का कहना है कि इस नेटवर्क से वह पिछले 50 दिनों में 1.5 लाख आम ऑनलाइन बेच कर 2 करोड़ रुपये कमा चुके हैं. अधिक जानकारी के लिए विडियो के लिंक पर क्लिक करें https://youtu.be/k9I2416lIkM
10 जिलों में बनेंगे कृषि बीजों के DNA टेस्ट लैब
हिमाचल प्रदेश में अभी तक कृषि विभाग के पास फसलों के डीएनए जांचने के लिए कोई प्रयोगशाला उपलब्ध नहीं है। ऐसे में किसान अक्सर बीजों की गुणवत्ता को देखते हुए शिकायतें करते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार बीजों के डीएनए की जांच करने के लिए आधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित करेगी। प्रयोगशालाओं की मदद से किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराने में भी मदद मिलेगी।
इस इंस्टीट्यूट द्वारा हुई इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर की टेस्टिंग
डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान किसानों के लिए राहत की खबर है. सोनालिका के बाद एक इंस्टीट्यूट ने इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर की टेस्टिंग पूरी कर ली है. यह ट्रैक्टर इंडस्ट्री में बड़े बदलाव की शुरुआत है. दरअसल केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधीन आने वाले बुदनी स्थित सेंट्रल फार्म मशीनरी ट्रेनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट ने इसका टेस्ट किया है. अगर इलेक्ट्रिक कारों की तरह यह ट्रैक्टर भी सफल हुआ तो इससे काम करना काफी सस्ता पड़ सकता है.
बंद हुआ रेस्टोेरेंट तो शुरू की ऑर्गेनिक फार्मिंग, अब एक महीने में कमा लेते हैं 4 लाख रुपये
कोरोना महामारी की वजह से देश में लगे लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्याे में लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी. इन्हीं में से एक गुरुग्राम के अंकित राघव भी हैं. लॉकडाउन के दौरान अंकित के रेस्टोआरेंट पर ऐसी मार पड़ी की उन्हें यह कारोबार बंद ही करना पड़ा. लेकिन उन्हों ने अपना हौसला नहीं छोड़ा और वह ऑर्गेनिक फार्मिंग करने लगे जिससे आज वह हर महीने करीब 4 लाख रुपये की कमाई करते हैं. अधिक जानकारी के लिए विडियो के लिंक पर क्लिक करें https://youtu.be/cvBZpE6_71U
पंजाब ने बनाया MSP पर गेहूं खरीद का रिकॉर्ड
देश के 10 राज्यों में 2 सौ 32.48 लाख मिट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी है. इसमें सबसे अधिक सरकारी खरीद पंजाब में हुई है. जबकि यहां अन्य राज्यों के मुकाबले 10 दिन की देरी से यह प्रक्रिया शुरू हुई थी. यहां अब तक 90.40 लाख मिट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी है. इसमें से 7.54 लाख टन गेहूं भारतीय खाद्य निगम ने खरीदा है और यहां 31 मई तक खरीद चलेगी. गौरतलब है कि पंजाब ने MSP पर 130 लाख मिट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है.
1 May को आयोजित होगा FTB प्रोग्राम
‘कृषि जागरण’ का हमेशा से यही उद्देश्य रहा है कि देश के किसान समृद्ध और सशक्त बनें. इसलिए "फार्मर द ब्रांड" प्रोग्राम 1 May को दोपहर 2 बजे कृषि जागरण के FACEBOOK पेज पर LIVE होगा. जिसमें वह किसान शामिल होंगे जो अपने ब्रांड से जुड़ी जानकारियां और खेती से संबंधित समस्याएं साथ ही अनुभव शेयर करेंगे.
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