 
            देश के किसानों की उन्नति में सबसे ज्यादा किसी का योगदान है, तो वह कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) का है. अगर देश के हर राज्य में कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित न किए जाएं, तो किसानों को खेती-बाड़ी की सही जानकारी नहीं मिलेगी. मौजूदा समय की बात करें, तो हमारे देश में करीब 723 केवीके काम कर रहे हैं.
इनमें से कई नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए काम कर रहे हैं. केवीके हर विपरीत स्थितियों में किसानों और कृषि, दोनों की उन्नति के लए काम करते रहते हैं. इनके प्रयासों की नजह से ही खेती, पशुपालन समेत अन्य कृषि क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.
इसी कड़ी में कड़कनाथ मुर्गा पालन (Kadaknath Poultry Farming) की काफी चर्चा हो रही है. इसका पालन करीब 25 राज्यों में किया जा रहा है. यहां तक की विदेशों में भी इसकी मांग काफी बढ़ गई है, क्योंकि केवीके पूरे जज्बे के साथ इसके लिए काम कर रहे हैं, इसलिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा केवीके की तारीफ की जा रही है. बता दें कि उन्होंने केवीके की 28वीं क्षेत्रीय कार्यशाला को संबोधित किया, जिसमें कड़कनाथ मुर्गा पालन को बढ़ावा देने के लिए केवीके की काफी तारीफ की.
मध्य प्रदेश का है महत्वपूर्ण योगदान
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि मध्य प्रदेश का दलहन, गेहूं और सोयाबीन के उत्पादन में अहम योगदान है, तो वहीं छत्तीसगढ़ का धान की पैदावार में महत्वपूर्ण योगदान है. अच्छी बात यह है कि केवीके के जरिए क्लस्टर अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन व सीड हब द्वारा दलहन की उत्पादकता में बढ़ोतरी हो रही है. बता दें कि केवीके द्वारा दलहनी फसलों के बीजों की उपलब्धता के लिए 15 जिलों में सीड हब कार्यक्रम चलाया जा रहा है.
एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का जिक्र
इसके साथ ही कृषि मंत्री द्वारा एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का ज्रिक किया गया. उनका कहना है कि गांव-गांव कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपए का फंड तय किया है. इसके अलावा, करीब 6,850 करोड़ रुपए के खर्च से 10 हजार नए एफपीओ का गठन भी किया जा रहा है. इतना ही नहीं, किसानों के लिए नए कृषि सुधार कानून (Farm Laws) जैसे अहम कदम भी समृद्धता देने वाले हैं.
सॉयल हेल्थ कार्ड
इसके अलावा खेती-किसानी का विकास करने के लिए केवीके द्वारा स्वायल हेल्थ कार्ड (Soil Health Card) भी वितरित किया जा रहा है. इसके साथ ही फसलों के अनुरूप पोषक तत्वों के उपयोग की सलाह दी जा रही है.
जानकारी के लिए बता दें कि केवीवेक द्वारा मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में युवाओं को खेती की तरफ आकर्षित करने के लिए नई परियोजना- ‘आर्या’ संचालित की जा रही है. इसके साथ ही ‘मेरा गांव-मेरा गौरव’ कार्यक्रम भी संचालित किया जा रहा है, जो कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के 5 विश्वविद्यालयों समेत 5 अन्य संस्थानों में संचालित हो रहा है.
 
                 
                     
                     
                     
                     
                                                 
                                                 
                         
                         
                         
                         
                         
                    
                
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