भारत में कृषि ड्रोन योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई है. जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों के काम को आसान बनाना है. जिसके तहत केंद्र सरकार कृषि ड्रोन की खरीदी सब्सिडी भी प्रदान कर रही है. ड्रोन चलाने से पहले किसानों को ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग लेनी होती है, तो आइए जानते हैं कैसे कृषि ड्रोन पायलट बना जा सकता है.
ड्रोन से किसानों को बहुत मदद मिलेगी. क्योंकि ड्रोन किसान के खेतें में बीज, यूरिया और कीटनाशकों का छिड़काव कम समय में बड़े आसानी से कर सकेंगे, इस ड्रोन से किसानों का समय और श्रम तो बचेगा ही और साथ ही कीटनाशक, दवा, खाद तथा उर्वरक की भी बचत होगी.
कृषि ड्रोन उड़ाने के लिए सबसे पहले आपको ड्रोन सर्टिफिकेशन हासिल करना होगा. जिसके लिए सरकार द्वारा द्वारा कृषि ड्रोन पायलट बनने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. आपको ऑफिशियल वेबसाइट Digital Sky पर जाकर ड्रोन सर्टिफिकेशन बड़ी आसानी से प्राप्त कर सकते हें. ड्रोन उड़ाने की इस प्रक्रिया के लिए आपको 100 रुपये आवेदन के लिए देने होंगे.
ड्रोन पायलट सर्टिफिकेशन से पहले आपको DGCA यानी डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविशन से ट्रेनिंग पास करनी होगी. इसकी प्रक्रिया एक दम गाडियों के लाइसेंस जैसी है. जैसे आपको बाइक का लाइसेंस बनवाते हुऐ कुछ जरूरी नियमों का पालन करना होता है, ठीक वैसे ही ड्रोन को उड़ाने के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है. कृषि ड्रोन चलाने के भी कुछ महत्वपूर्ण नियम होते हैं. जैसे बाइक की टेस्ट ड्राइव के लिए फीस जमा करनी होती है, वैसे ही ठीक ड्रोन की टेस्ट ड्राइव के लिए 1000 रुपये की राशि देनी होती है. देखा जाए तो ड्रोन सर्टिफिकेशन को प्राप्त करने के लिए कुल राशि 1100 रुपये की राशि आपको देनी होगी
ड्रोन उड़ाने के लिए कितनी आयु होनी चाहिए
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कृषि ड्रोन उड़ाने के लिए 18 वर्ष से अधिक की आयु निर्धारित की गई है.
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कृषि ड्रोन उड़ाने के लिए 10वीं पास होना भी बहुत जरूरी है.
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ड्रोन को उड़ाने के लिए क्या रजिस्ट्रेशन जरूरी है
कृषि ड्रोन को उड़ाने के लिए UIN यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी किया जाता है. सिर्फ नैनो ड्रोन को छोड़कर सभी ड्रोन के UIN नंबर जारी होते हैं. इसलिए ड्रोन को उड़ाने के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी है.
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