हवाएं चलने लगती है
मौसम जवां होता है
सौ-सौ लड्डू फूटते हैं
ऐसा तो फिल्मों में होता है
उसकी मजेंटा जैसी नज़र से
माइंड कन्फ्यूज़ होता है
उसका रुट पकड़ने को
रोज़ नया एक्सक्यूज़ होता है
अब न भीड़ दिखती है
न ही शोर होता है
दुनिया जैसे ब्लर हो जाती है
फोकस तेरी ओर होता है
घर, दोस्ती, सारी दुनिया से
बगावत होती है, एक रोर होता है
नींद टूटी, महसूस हुआ
ऐसा फिल्मों में होता है ।
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