यह देश त्योहारों का देश है. यहाँ उत्सव चलते रहते है, अभी कुछ दिनों में दीपावली का त्योहार भी आने वाला है. ऐसे में हम बाजार से खाद्य पदार्थों के साथ साथ, जाने अंजाने मिलावटी खाद्य पदार्थ भी ले आते हैं. इससे ये मिलावटी खाद्य पदार्थ के सेवन से हमारे स्वाथ्य पर विपरीत असर भी पड़ता है. अतः हमे सचेत रहना भी आवश्यक है. दालें, अनाज, दूध, मसाले, घी से लेकर सब्जी व फल तक कोई भी खाद्य पदार्थ मिलावट से अछूता नहीं है. आज मिलावट का सबसे अधिक कुप्रभाव हमारी रोजमर्रा के जीवन में प्रयोग होने वाली जरूरत की वस्तुओं पर ही पड़ रहा है. खाद्य अपमिश्रण से उत्पाद की गुणवत्ता काफी कम हो जाती है और ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी होते हैं.
जांच कर मिलावट का पता लगाएं
शहद में मिलावट: एक रुई के फाहे को माचिस से जलाएं और देखें यदि आग लग जाती है तो शहद शुद्ध है किन्तु आग नही लगने पर शहद मिलावटी है.
दूध में मिलावट: दूध में यूरिया, वोशिग पाउडर, पानी, स्टार्च आदि मिलाकर मिलावट की जा सकती है. अतः जांच के लिए लेक्टोमीटर से रीडिंग जाँची जाती है. अगर रीडिंग 28 से 34 के बीच आए तो दूध शुद्ध है किन्तु 28 से कम रीडिंग आने पर पानी की मिलावट की गई है. किन्तु रिडींग को बढ़ाने के लिए स्टार्च, शक्कर आदि मिला दिया जाता है, इसके लिए दूध में आयोडिन मिलाकर गर्म करे तो दूध का नीला हो जाना स्टार्च मिलावट का संकेत है. यूरिया का पत्ता करने के लिए परखनली में 5 मिलीमीटर दूध में 2 बूंद एल्कोहोल मिलाएं, थोड़ी देर में दूध का रंग नीला होना यूरिया की मिलावट को दर्शाता है.
सरसों की बीज व तेल में मिलावट: आर्जिमोन या सत्यानाशी खरपतवार के बीज सरसों से मिलते झूलते होते है. अतः जांच कर पता लगाया जा सकता है जैसे सरसों के बीज चिकने और दबाने पर बीज के अंदर का हिस्सा पीला नजर आता है वहीं दूसरी तरफ सत्यानाशी खरपतवार का बीज खुरदरा और दबाने पर बीज के अंदर का हिस्सा सफ़ेद नजर आता है. सरसों के तेल की कुछ मात्रा ले और इसमें सांद्र नाइट्रिक अम्ल मिलाकर देखें, यदि थोड़ी देर बाद लाल-भूरे रंग की परत दिखाई दें तो इसमें आर्जिमोन या सत्यानाशी के तेल को मिलाया गया है.
आईसक्रीम: आईसक्रीम पर नींबू की कुछ बुँदे डाले और देखे यदि बुलबुले बनते हैं तो वॉशिंग पाउडर की मिलावट की गई है.
चाय की पत्ती में मिलावट: चाय पत्ती को सफ़ेद कागज पर रखकर रगड़ने पर मिलावटी रंग कागज पर लग जाता है. चाय पर चुम्बक फैराने से लोहे के मिलावटी तत्व का पता लगाया जा सकता है. काँच या चीनी मिट्टी के बर्तन में नींबू का रस डाल दे और इस पर कुछ चाय पत्ती डाल कर देखें, यदि रंग हरा-पीला दिखाई दे तो चाय में मिलावट नही है किन्तु नारंगी या दूसरा आने पर मिलावट से इंकार नही किया जा सकता.
लाल मिर्च पाउडर: एक चम्मच लाल मिर्च पाउडर ले उसे पानी के गिलास में मिलाये यदि पानी लाल हो जाये तो मिलावट है या यदि ईट का मिश्रण डाला है तो यह गिलास के तल पर बैठ जाएगा.
शुद्ध घी: एक परखली ट्यूब में पीघला हुआ घी और उसी मात्रा में सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मिलाने के बाद एक चुटकी चीनी मिलाने पर लाल रंग की पर का दिखाई देना वानस्पति घी के मिलावट का संकेत है.
केशर: केशर को पानी में मिलाने पर यदि रंग छोड़े तो समझो नकली है क्योंकि शुद्ध केशर पानी में घंटों तक डालने पर भी रंग नही छोड़ता.
काली मिर्च: काली मिर्च में पपीते के सूखे बीजों की मिलावट की जाती है अतः पानी में डालने पर पपीते के सूखे बीज ऊपर आकर तैरने लगते हैं.
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