अरंडी का पौधा चौड़ा और छोटे कद वाला होता है, जो भारत में ज्यादा पाया जाता है. अरंडी के बीजों से तेल निकाला जाता है, जिसको औषधि की तरह उपयोग किया जाता है. इसके पत्ते भी बहुत काम के होते हैं. इसके तेल से स्वास्थ्य की कई बीमारियों को दूर कर सकते हैं, तो आइए जानते हैं कि अरंडी के तेल को कैसे उपयोग में लाएं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों से छुटकारा मिल सके.
सिरदर्द के लिए (For Headache)
इसके तेल की मालिश से सिरदर्द की परेशानी एकदम दूर हो जाती है. इसकी जड़ों को पानी में पीसकर माथे पर लगाएं, इससे सिरदर्द में तुरंत राहत मिलती है.
त्वचा के रोग (Skin diseases)
अरंडी की जड़ को पानी में पका लें. इस पानी को पीने से त्वचा संबंधी रोगों से छुटकारा मिलता है. इस तेल की मालिश से भी त्वचा फटती नहीं है.
बालों के लिए (For Hair)
जिनके सिर पर बाल अच्छे से नहीं उग पाते हैं. ये तेल उन लोगों के लिए बहुत फ़ायदेमंद होता है. रोज़ाना सोते समय इस तेल से मालिश करनी चाहिए. इससे कुछ ही दिनों में सुंदर, घने, लंबे और काले बाल हो जाएंगे.
जले घावों पर लगाएं (Apply to burn wounds)
अगर शरीर का कोई अंग जल जाए, तो अरंडी के तेल को चूने में फेंटकर घावों पर लगा लें. इससे जले में तुरंत राहत मिल जाती है. आप इसके पत्तों के रस को सरसों के तेल में मिलाकर भी लगा सकते हैं.
पेट को साफ़ करे (Clean the stomach)
अरंडी के तेल को दूध के साथ पीने से पेट संबंधी बीमारी दूर होती हैं. इसके अलावा बच्चों को अरंडी का तेल गर्म पानी या शहद के साथ मिलाकार पिलाना चाहिए. इससे बच्चों के पेट में कीड़े नहीं होते हैं.
तिल-मस्सों से छुटकारा (Get rid of moles-warts)
पत्ते पर थोड़ा चूना लगाकर तिल पर बार-बार घिसने से तिल निकल जाता है. अरंडी के तेल में कपड़ा भिगोकर मस्से पर बांधने से मस्से मिट जाते हैं. अरंडी का तेल लगाने से ज़ख्म भी भर जाते हैं और इसका तेल तिल और मस्सों पर लगाना चाहिए, इससे मस्सा ढीला होकर गिर जाता है. इसको रोज़ाना सुबह और शाम 1 से 2 बूंद मस्से पर लगाएं. आपको 1 से 2 महीनों में असर दिखाई देगा.
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गर्दन दर्द से राहत (Neck pain relief)
अरंडी के बीज की मींगी को दूध में पीसकर पीने से गर्दन और कमर का दर्द एकदम चला जाता है.
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