रसीले आमों के तो आप भी खूब शौक़ीन होंगे, लेकिन इस ख़ास प्रजाति के एक आम की कीमत जानकर शायद हैरान रह जाएं. जी हाँ, आम की इस ख़ास किस्म का फल एक नग 500 से 1000 रूपये में बिकता है. आम की यह किस्म है नूरजहां. जो कि मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले पैदा होती है. इसके एक आम की कीमत ही दस से पंद्रह किलो चावल या 20 से 25 किलो गेहूं की कीमत बराबर होती है. तो आइये जानते हैं आम की इस ख़ास और दुर्लभ किस्म के बारे में -
अफगानिस्तान से आया भारत
इस साल अलीराजपुर जिले के किसान काफी खुश हैं और हो भी क्यों न आखिर 'नूरजहां' की जहां इस साल अच्छी पैदावार हुई है. वही प्रति नग 500 से 1000 रुपये तक के दाम भी मिल रहे हैं. अच्छे भाव और बंपर पैदावार की वजह से किसानों को खूब कमाई हो रही है. इस बार अच्छी बारिश के कारण फल का आकार भी काफी बढ़ा है. वही आम के शौक़ीन लोग बढ़े दाम में भी इसे खरीद रहे हैं. यहां के किसानों का कहना है कि वर्षों बाद यहां के किसानों की किस्मत बदली है. पिछली बार एक तरफ तो पैदावार कम हुई थी वहीं दूसरी तरफ आम की साइज भी काफी छोटी थी. इस वजह से किसानों को बेहद नुकसान हुआ था. इसके इतने महंगे दाम के पीछे की कहानी बताते हुए लोगों का कहना है कि आम की यह ख़ास किस्म मध्य प्रदेश के इस जिले में अफगानिस्तान से आई है.
कहां पैदा होता है?
अलीराजपुर जिले के कठियावाड़ा इलाके में ही आम की यह ख़ास किस्म पैदा होती है. बता दें कि यह क्षेत्र गुजरात की सीमा से लगता है. जो इंदौर से लगभग 250 किलोमीटर दूर है. यहां के किसान शिवराज जाधव का कहना हैं कि उनके बगीचे में तीन नूरजहां प्रजाति के आम वृक्ष हैं. जिन पर इस साल करीब 250 फल लगे हैं. उनका कहना हैं दामों को देखकर इसे हर कोई नहीं खरीद सकता है. पेड़ों पर इसकी बुकिंग हो जाती है. इसके बाद ही ग्राहक को आम उपलब्ध कराया जाता है. इस दुर्लभ आम का स्वाद लेने के लिए आपको एडवांस बुकिंग कराना ही होगी.
साढ़े तीन किलो का आम
जाधव का कहना है कि हम बुकिंग के दौरान स्थानीय लोगों को पहले तरजीह देते हैं. जिसके बाद बाहरी लोगों की बुकिंग होती है. जो लोग इस साल बुकिंग नहीं करा सकें वे अगले साल ही इसका स्वाद ले पाएंगे. आम के वजन के बारे में उनका कहना हैं कि इसका वजन में काफी होता है. एक आम से पूरे परिवार की पूर्ती हो जाती है. इसका एक आम 2 से 3.5 किलोग्राम तक होता है. आम की इस किस्म के शौक़ीन भारत ही नहीं विदेशों में भी है.
कब पकता है?
नूरजहां के पेड़ों में जनवरी-फरवरी महीने में मंजर या बौर आते हैं. वहीं जून महीने में आम पक जाते हैं. यदि मौसम अच्छा रहे तो इसकी मंजर टिक जाती है जिससे इसकी ज्यादा पैदावार होती है. बारिश के बाद इस किस्म का आम काफी वजनी हो जाता है. किसानों के कहना हैं कि आम की तरह ही इसकी गुठलियां भी काफी वजनी होती है. जिनका वजन 150 से 200 ग्राम तक होता है. गौरतलब है कि आमों की कई किस्मों के फलों का भी इतना वजन नहीं होता है. किसान इशाक मंसूरी का कहना है कि इस बार सबसे अधिक एक आम करीब 1200 रुपये में बिका है.
Share your comments