किसान जब भी किसी कृषि मेला या इस तरह की प्रदर्शनी में जाते हैं, तो वो ऐसी चीज़ें खोजते हैं, जो उनको प्रेरित करे. इसी कड़े में हरियाणा का मुर्रा भैंसा आज दुनियाभर में लोकप्रिय हो चुका है.
जी हाँ आज से पहले आपने बड़ी-बड़ी हस्तियों की लोकप्रियता के बारे में सुना होगा, लेकिन ये कहानी भैंसे के लोकप्रियता की है. इस नस्ल के भैंसे के दीवाने हर जगह है.
अब आप सोच रहे होंगे कि इसकी वजह क्या है? तो आइये जानते हैं कि आखिर क्यों लोग इसके पीछे पागल हुए हैं. इस भैंसे के लोकप्रिय होने की वजह इसकी सुंदरता और इसकी वीर्य की गुणवत्ता है. हाल ही में हरियाणा के जींद में ऐसी ही एक भैंसे ने हिमाचल प्रदेश में एक राष्ट्रीय खिताब जीता है. इस भैंसे का नाम रुश्तम है. इसकी लोकप्रियता ने रिकॉड तोड़ते हुए बाकी सभी फेमस भैसों को पीछे छोड़ दिया है.
रुश्तम की कीमत ? (Rushtam price?)
मिली जानकारी के मुताबिक, रुश्तम की कीमत 11 करोड़ रुपए लगाई गई है. जी हाँ, एक भैंसे की इतनी किमत सुनकर आप चौंक गए होंगे. मगर भैंसे की इतनी ऊंची कीमत का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी सुल्तान नाम के भैंस की भी 21 करोड़ रुपये कीमत दी जा रही थी. हालांकि, उसके मालिक ने उसे बेचने से साफ मना कर दिया था.
हरियाण का मुर्रा भैंसा बना ब्रांड! (Why Haryana's Murrah Buffalo is a brand!)
हरियाणा पशुपालकों के लिए मुर्रा भैंसे की कीमत किसी सोने से कम नहीं हैं. मुर्रा भैंसे का वीर्य इतनी उच्च गुणवत्ता वाला है, जिसकी डिमांड कभी कम नहीं होती है. वहीँ, उसे देख अब अन्य पशुपालक भी भैंसा पालन करने की इच्छा जता रहे हैं. सूत्रों की मानें, तो हाल ही में एक मुर्रा भैंसा हरियाणा में 11 करोड़ रुपये में बिका है. हालांकि इस दावे की पूरी तरह से पुष्टि नहीं की गई है. वहीं, रुश्तम नाम का एक भैंसा खूब लोकप्रिय हुआ है. इसके बारे में चर्चा की जाए, तो वो खूबसूरती और उच्च गुणवत्ता वाले वीर्य की वजह से चर्चित है.
रुश्तम ने अपने नाम किया 5 लाख रुपए का पुरस्कार (Rushtam won a prize of Rs 5 lakh in his name)
रुश्तम के मालिक का नाम दलेल सिंह है और वो हरियाणा के जींद जिले में गतौली गांव का रहने वाला हैं. पिछले 18 दिसंबर को रुश्तम ने हिमाचल प्रदेश के सोलन में आयोजित पशु मेले में विभिन्न मापदंडों पर कई भैंसों को हराकर चैंपियनशिप हासिल की थी. 9 साल का ये खूबसूरत रुश्तम 15 फीट लंबा और करीब 6 फीट ऊंचा है. इसे विजेता घोषित होने पर ‘कृषक रत्न’ सम्मान के साथ 5 लाख रुपये के पुरस्कार दिया गया.
रुश्तम के मालिक दलेल सिंह के मुताबिक, यह करीब 5 मिली लीटर शुक्राणु पैदा करता है. इसे तीन बार निकाला जा सकता है. यह प्रक्रिया हर तीन महीने में 15 दिनों तक के लिए चलती है. इसके शुक्राणु के एक शॉट से 400 स्ट्रॉ तैयार होते हैं, जो 400 रुपये प्रति स्ट्रॉ के हिसाब से बिकते हैं. यानि इस तरह से यह हर तीन महीने में ये 10 हजार शॉट उत्पादित करता है. अपनी खूबसूरती के लिए अब यह हिमाचल से हरियाणा तक लोकप्रिय हो चुका है.
रुश्तम के मालिक के अनुसार, इसकी खुराक में रोजाना 8 लीटर दूध, 100 ग्राम बादाम, 3.5 किलो गाजर, 300 ग्राम देसी घी, 3 किलो चना, आधा किलो मेथी के अलावा चारा भी शामिल होता है. इस भैंसे को हर दिन सुबह-शाम 2 से 3 किलो मीटर टहलाया जाता है.
मालिक की मानें, तो रुश्तम 26 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के अलावा, 6 अंतरराष्ट्रीय खिताब भी जीत चुका है. उनका सबसे बड़ा दावा है कि रुश्तम अब तक 50 हजार बछड़ों का पिता बन चुका है.
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