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Marathwadi Buffalo: दुधारू भैसों में से एक है मराठवाड़ी, एक ब्यांत में देती है 1200 लीटर तक दूध, जानें पहचान और विशेषताएं

Marathwadi Buffalo: मराठवाड़ी भैंस की उत्पत्ति महाराष्ट्र राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र में हुई है. यह एक प्राचीन स्वदेशी नस्ल है, जो मुख्य रूप से महाराष्ट्र के क्षेत्रों में पाई जाती है. मराठवाड़ी भैंस की पहचान आप इसके सींगों से भी कर सकते हैं, जो बड़े और घुमावदार होते हैं. आइए आपको इस भैंस के बारे में विस्तार से बताते हैं.

बृजेश  चौहान
बृजेश चौहान
मराठवाड़ी भैंस. (Image Source: NDDB)
मराठवाड़ी भैंस. (Image Source: NDDB)

Marathwadi Buffalo: दूध की बढ़ती मांग को देखते हुए डेयरी बिजनेस इन दिनों काफी फायदे का सौदा साबित हो रहा है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में ये बिजनेस खूब फल फूल रहा है. जिसके जरिए किसान अच्छी कमाई कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में यह व्यवसाय आय के सबसे बढ़िया स्रोत के तौर पर उभर कर सामने आया है. वहीं, शहरी क्षेत्रों भी डेयरी बिजनेस की ओर लोगों का रूझान बढ़ा है. शहरों में भी लोग अब इस व्यवसाय को शुरू कर रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी पशुपालन के क्षेत्र से जुड़कर डेयरी बिजनेस के जरिए अच्छी कमाई करना चाहते हैं तो ये खबर आप ही के लिए है. इस खबर में हम आपको भैंस की एक ऐसी नस्ल के बारे में बाताएंगे जो डेयरी बिजनेस के जरिए आपको अच्छा मुनाफा देगी. हम बात करें हैं तो भैंस की मराठवाड़ी नस्ल की.

बड़े और घुमावदार होते हैं सींग

जैसा कि नाम से पता चलता है, मराठवाड़ी भैंस की उत्पत्ति महाराष्ट्र राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र में हुई है. यह एक प्राचीन स्वदेशी नस्ल है, जो मुख्य रूप से महाराष्ट्र के बीड, परभणी, जालना, नांदेड़, लातूर और उस्मानाबाद जिलों में पाई जाती हैं. इन इलाकों में यह भैंस खूब फल फूलती है. भैंस के नामों की बात करें तो इसे 'एलीचपुरी और दुधाणा थाडी' के नाम से भी जाना जाता है. भैंस की यह नस्ल एक ब्यांत में 1120 से 1200 लीटर तक दूध देती है. मराठवाड़ी भैंस की पहचान आप इसके सींगों से भी कर सकते हैं, जो बड़े और घुमावदार होते हैं. ऐसे में अगर आप भी इस भैंस को कमाई का एक साधन बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले इसकी पहचान, कीमत और खासियतें जान लें. आइए आपको इस भैंस के बारे में विस्तार से बताते हैं.

मराठवाड़ी भैंस की पहचान और विशेषताएं (Characteristics of Marathwadi Buffalo)

  • मराठवाड़ी नस्ल की भैंस मुख्यतौर पर महाराष्ट्र के इलाकों में पाई जाती है.

  • दिखने में भैंस की ये नस्ल भूरे और गहने काले रंग की होती हैं.

  • नका माथा चौड़ा होता है और उनकी गर्दन छोटी होती है. ये आकार में मध्यम कद की होती हैं.

  • यह नस्ल स्थानीय जलवायु परिस्थितियों के लिए बहुत अच्छी तरह से अनुकूलित है. यह खराब चारे पर भी पनप सकती है.

  • भैंस की ये नस्ल अपने सीगों के लिए भी जाना जाती है, जो बड़े और घुमावदार होते हैं

  • मराठवाड़ी भैंस के औसत शरीर का वजन 320 से 400 किलोग्राम के बीच होता है.

  • यह नसल एक ब्यांत में 1200 किलो तक दूध देने की क्षमता रखती है.

खुराक का भी रखें ध्यान

इस नस्ल की भैंसों को खुराक जरूरत के अनुसार चाहिए होती है. आम तौर पर इन्हें फलीदार चारे एवं तूड़ी भोजन के रूप में पसंद है. इनके भोजन में ऐसे तत्वों को शामिल करें जिनमें उर्जा, प्रोटीन, कैलशियम, फासफोरस और विटामिन ए आदि की भरपूर मात्रा हो. आप इन्हें दाने, तेल बीजों की खल एवं धातु वाले भोजन दे सकते हैं. इन्हें मक्की/गेहूं/जौं/जई/बाजरा के चारे की खूराक भी दी जा सकती है.

English Summary: Marathwadi Buffalo dairy farming Marathwadi Buffalo milk per day price Best Buffalo for dairy business Published on: 17 November 2023, 05:32 IST

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