किसान हमेशा से खेती के साथ-साथ पशुपालन करते आएं है. पशुपालन व्यवसाय (Animal husbandry business ) एक ऐसा व्यवसाय है जिसे छोटे से छोटे स्तर पर कम लागत में शुरू कर सकते हैं. ऐसे में अगर आप एक किसान हैं और पशुपालन करने की इच्छा रखते हैं
तो बकरी पालन व्यवसाय (Goat Farming Business) शुरू कर सकते हैं. Goat Farming Business एक ऐसा व्यवसाय है, जिसे कम लागत में शुरू कर सकते हैं. गौरतलब है कि बकरियों की कई ऐसी नस्लें हैं जिनसे मांस के साथ-साथ अच्छा दुग्ध उत्पादन भी हो जाता है. कुछ इसी तरह की बकरी की जमुनापारी नस्ल (Goat Breed Jmunapari) भी है. ऐसे में आइये Goat Breed Jmunapari के बारे में विस्तृत रूप में जानते हैं-
बकरी की जमुनापारी नस्ल (Goat breed Jmunapari)
भारत में पाई जाने वाली जमुनापारी नस्ल अन्य नस्लों की तुलना में सबसे ऊंची और लम्बी होती है. यह ज्यादा दूध देने के लिए भी प्रसिद्ध है. यह नस्ल उत्तर प्रदेश के इटावा, गंगा, यमुना और चम्बल नदियों से घिरे क्षेत्र में ज्यादा पाली जाती है.
बकरी की जमुनापारी नस्ल की विशेषता
बकरी की जमुनापारी नस्ल से दूध और मांस दोनों ही अच्छा मिलता है. इनके ज्यादा वजन के कारण ही इनकी कीमत अच्छी मिलती है. इनके मेमने भी अच्छी कीमतों पर लोग खरीद लेते हैं. कम लागत लगाकर भी कोई किसान इसको पाल सकता है. बकरियां जंगलों की पत्तियां खाती हैं इसलिए दाना भी कम देना पड़ता है. इनके मांस की भी अच्छी डिमांड है.
बकरी की जमुनापारी नस्ल से लाभ (Benefit from the Goat Breed of Jmunapari)
बकरी की जमुनापारी नस्ल पर खाने का ज्यादा खर्चा नहीं होता है इनको जंगलों में चारा कर पाल सकता है. इनकी ब्रीडिंग भी अच्छी होती है. ये अपने जीवनकाल में 13 से 15 बच्चे दे देती है. वयस्क नर का औसत वजन 70-90 किलोग्राम और मादा का वजन 50-60 किलोग्राम होता है.
बकरी की जमुनापारी नस्ल के बारे में अधिक जानकारी के लिए कहाँ संपर्क करें?
अगर कोई किसान इस नस्ल को पालना चाहता है तो वो मथुरा के केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान से प्रशिक्षण ले सकता है.
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