भारत के कृषि क्षेत्र में ‘इफको’ एक बड़ा नाम है। इफको ने देश के प्रत्येक हिस्से के किसानों तक अपनी पहुँच बनाई है, दुनिया की सबसे बड़ी सहकारी संस्थाओं में शुमार इफको ने बदलते वक्त के साथ सफलता के नए आयामों को छुआ है. आज भी यह संस्था किसानों को बेहतर सेवाएं मुहैया करा रही है. हाल ही में कृषि जागरण ने इफको किसान संचार लिमिटेड (IKSL) के मुख्य विपणन अधिकारी (CMO) श्री नवीन चौधरी से बातचीत की।
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जानने में दिलचस्पी होगी कि, श्री चौधरी का वित्तीय क्षेत्र में 19 साल लंबा अनुभव रहा है. उन्होंने वरिष्ठ प्रबंधन प्रोफ़ाइल में श्याम टेलिकॉम, इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस, कोटक लाइफ इंश्योरेंस और आईसीआईसीआई बैंक जैसे विभिन्न उद्योग संगठनों के साथ काम किया है। श्री नवीन चौधरी पिछले चार सालों से इफको किसान संचार लिमिटेड के साथ जुड़े हुए हैं. यहाँ रहते हुए वे इफको किसान मोबाइल ऐप, किसान ऋण सेवा, किसान बीमा योजना, कॉर्पोरेट प्रमोशन, इफको किसान ब्रांडिंग, किसान हेल्पलाइन समेत अन्य कई पहल और उपलब्धियों पर काम कर चुके हैं. उन्होने कृषि जागरण से इन सभी पर विस्तार से बातचीत की.
पेश हैं इस बातचीत के प्रमुख अंश -
प्रश्न- इफको किसान के बारे में कुछ बताएं?
इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड(इफको), उर्वरक क्षेत्र की दुनिया की सबसे बड़ी सहकारी संस्था है। वर्ष 1967 में 57 सहकारी संस्थाओं के साथ इसकी शुरुआत की गई थी। आज तकरीबन 40 हजार सहकारी संस्थाओं के साथ मिलकर यह काम कर रही है। डा. उदयशंकर अवस्थीजी, जिनका नाम सहकारिता का पर्याय बन चुका है, के नेतृत्व और मार्गदर्शन में संस्था ने कई ऊंचाइयों को छुआ है और सफलता के कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इफको ने भारत के अलावा विश्व के कई अन्य देशों में अपनी शाखाएं और नए प्लांट भी शुरू किए हैं। देश में तकनीक और प्रोधोगिकी क्रांति को देखते हुए संस्था ने 2007 में 'इफको किसान' का शुभारंभ किया। इफको ने एयरटेल और स्टार ग्लोबल संस्था के साथ मिलाकर इसकी शुरुआत की। इस संस्था का उद्देश्य तकनीक की मदद से किसानों तक उचित जानकारी एवं सूचना पहुँचाना है।
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प्रश्न- इफको किसान की क्या-क्या उपलब्धियां रही हैं?
आज इफको एक जाना पहचाना और स्थापित नाम है। साढ़े पांच करोड़ से अधिक किसान, संस्था से सीधे जुड़े हैं और इफको उन्हें बेहतर सेवाएं दे रहा है। ब्लॉक और पंचायत स्तर पर इफको सोसाइटी के माध्यम से किसानों तक अपनी पहुँच सुनिश्चित करता है जिसमें उर्वरक जैसी चीजें शामिल हैं।
लेकिन संस्था ने इस बात पर विचार किया कि क्यों न एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया जाए जहाँ से किसान फसल, पशुपालन, सरकारी योजनाओं और बागवानी जैसी तमाम कृषि संबंधी गतिविधियों की सूचनाएं पा सकें और उनसे लाभ उठा सकें। इसी विचार के साथ इफको किसान अस्तित्व में आया। मुझे बताते हुए अत्यंत ख़ुशी हो रही है कि इफको किसान ने साल दर साल प्रगति की है और अब तक 25 हजार से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूटर और रिटेलर के साथ मिलकर इस दिशा में काम किया जा रहा है। इसके लिए देश के 18 राज्यों में स्थानीय कार्यालय बनाए गए हैं। इफको किसान देश के कुल 104 क्लाइमेट जोन(मौसम क्षेत्र) के मुताबिक कृषि विशेषज्ञ, जानकारियां प्रकाशित करते हैं।
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ग्रीन सिम एक एयरटेल नेटवर्क पर विशेष रूप से उपलब्ध एक पैकेज्ड सेवा है, जो ग्रामीण किसानों को अपनी खेती की प्रथाओं को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए आवाज आधारित कृषि जानकारी प्रदान करता है। ग्रीन सिम कार्ड के माध्यम से, हर दिन तीन मुफ्त वॉयस संदेश सब्सक्राइबर्स को दिए जाते हैं। प्रत्येक वॉयस मैसेज एक मिनट की अवधि का होता है. इसके द्वारा मृदा प्रबंधन, मौसम आधारित कृषि-सलाहकार, फसल प्रबंधन, पौध संरक्षण, बाजार दर, डेयरी और पशुपालन जैसे विविध विषयों पर प्रासंगिक अलर्ट और सलाह दी जाती है। साथ ही स्वास्थ्य, रोजगार, शिक्षा, महिला सशक्तीकरण, वित्तीय समावेशन, जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता और सरकारी योजनाओं पर सामान्य उपयोग की जानकारी भी प्रदान की जाती है। ये वॉयस मैसेज ग्रामीण सब्सक्राइबर्स को तत्काल रुचि के विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए जाते हैं। सूचित निर्णय लेने के लिए नवीनतम जानकारी के साथ ग्रामीण ग्राहकों, विशेष रूप से किसानों को सशक्त बनाने का प्रयास है।
इफको किसान के ग्रीन सिम कार्ड के उपभोक्ताओं को एक समर्पित हेल्पलाइन सेवा तक पहुंच का विशेषाधिकार है, जिसमें 6 अंकों की संख्या 534351 के माध्यम से ग्रामीण जीवन रेखा बनने की क्षमता है। यहां किसान अपनी समस्याओं का हल पा सकते हैं। इन हेल्पलाइन मैं बीएससी ग्रेजुएट एग्रीकल्चर एक्सपर्ट सलाह देते हैं।
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अभी तक 42 लाख ग्रीन सिम उपभोक्ताओं को विभिन्न भाषाओ में ये सेवा दी जा रही है. इफको किसान के 500 से अधिक मार्केटिंग एसोशिएट एवं टेरिटोरी मैनेजर ग्राउंड एक्टिविटी, ग्रीन सिम एवं प्रतिदिन क्रियाओं के कार्यरत हैं।
प्रश्न- तकनीक ने हर क्षेत्र को छुआ है और तकरीबन हर वर्ग के व्यक्ति को प्रभावित किया है। इस दिशा में इफको किसान का क्या प्रयास रहा है?
दुनिया भर में आज तकनीक का असर देखा जा रहा है। तकनीक के उपयोग से काम करने में आसानी होती है। साथ ही समय एवं खर्च भी कम होता है। कृषि क्षेत्र भी तकनीक से अछूता नहीं रह गया है। ग्रामीण आबादी तक इंटरनेट और स्मार्टफोन पहुँच गए हैं। इसका सही दिशा में इस्तेमाल हो सके इसको ध्यान में रखते हुए इफको किसान ने वर्ष 2014 में किसानोके लिए “इफको किसान एग्रीकल्चर एप्लिकेशन” की शुरूआत की थी. अब तक 6 लाख से अधिक किसान इस एप से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ चुके हैं। यह एप कई क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है। इस एप का इस्तेमाल करने के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ता और गूगल प्ले स्टोर पर जाकर इस एप को आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है।
प्रश्न- इस “इफको किसान एग्रीकल्चर एप्लिकेशन”ऐप के बारे में विस्तार से जानकारी दीजिए ताकि किसानों को समझने में आसानी हो.
इफको किसान को शुरू करते वक्त इस बात का भी ख्याल रखा गया था कि कैसे यह लगातार प्रगतिशील बना रहे। नए और प्रगतिशील किसानों को नई तकनीक और अनूठे तरीकों की जानकारी में दिलचस्पी होती है इसी बात को ध्यान में रखकर ही ‘इफको किसान मोबाइल ऐप’ लांच किया गया था। काफी लंबे समय से इस तरह के मोबाइल ऐप की जरुरत महसूस की जा रही थी। कृषि से जुड़ी कोई भी जानकारी इस ऐप के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। इसके बारे में आप पढ़ सकते हैं या फिर जानकारी को सुना भी जा सकता है। इसके अलावा अगर किसानों को कृषि संबंधी किसी भी विषय पर जानकारी चाहिए तो ऐप के माध्यम से अपना सवाल पूछ सकते हैं। उनके सवालों का जवाब कृषि विशेषज्ञों द्वारा नि:शुल्क दिया जाता है और उनको हर मुमकिन समाधान देने का प्रयास किया जाता है। इस ऐप के द्वारा किसान अपने क्षेत्र के मौसम का हाल एवं पाँच दिनों का पूर्वानुमान पता कर सकते हैं. दो हजार से अधिक मंडी में तीन सौ उद्पादों के भाव की जानकारी पा सकते हैं और साथ ही अपने उत्पाद का फोटो, मोबाइल नंबर एवं बेचने वाले मूल्य की जानकारी अपलोड करके ग्राहक भी पा सकते हैं। एक्सपर्ट से सलाह लेने के लिए फोटो एवं वॉइस रिकॉर्ड करके भी जानकारी ली जा सकती है। भविष्य में जैसे-जैसे किसानों के पास स्मार्टफोन पहुंचेंगे इस ऐप की उपयोगिता बढ़ती जाएगी। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए हम इस ऐप के बारे में किसानों और अन्य संस्थाओं से फीडबैक लेते रहते हैं ताकि इसे अधिक आसान और उपयोगी बनाया जा सके।
प्रश्न- किसानों को कर्ज लेने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इस मोर्चे पर इफको किसान ने क्या-क्या काम किए हैं?
जब हम गांवों का दौरा करते थे तो देखा गया कि किसानों को लोन लेने के लिए काफी भटकना पड़ता है। तमाम दिक्कतों को झेलने के बाद ही उन्हें कर्ज मिल पाता है। इस बात को मद्देनजर रखते हुए दो साल पहले इफको किसान ने टीवीएससी क्रेडिट के साथ मिलकर एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। प्रोजेक्ट के तहत तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए ऋण सेवा की व्यवस्था के लिए कार्य आरंभ किया। दरअसल, इफको किसान से जुड़ने से पहले मुझे बैंकिंग और इंश्योरेंस क्षेत्र में 18 वर्ष का अनुभव था। पायलट प्रोजेक्ट में यह अनुभव काफी काम आया। इस दौरान हमने पुराने और नए ट्रैक्टर पर तुरंत लोन मिलने की प्रक्रिया पर काम किया।यह पायलट प्रोजेक्ट कई मायनों में काफी सफल रहा और हमने लगभग 25 करोड़ का बुक वैल्यू तैयार किया। साथ ही इसकी सफलता को देखते हुए डा. उदयशंकर अवस्थी और इफको किसान के एमडी श्री राकेश कपूर के सहयोग से इफको किसान ने अपनी एक सब्सिडी कंपनी 'किसान रूरल फाइनेंस लिमिटेड' की शुरुआत की। 'किसान रूरल फाइनेंस लिमिटेड' को शुरू हुए छह माह का समय ही बीता है लेकिन इसे जिस तरह से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं उसे देखते हुए हम इसका विस्तार करने की दिशा में काम शुरू कर चुके हैं। इसकी अगुवाई इफको किसान के डायरेक्टर श्री रंजन शर्मा कर रहे हैं। हमें उम्मीद हैं कि उनकी देखरेख में यह कपंनी किसानों को अपनी बेहतर सुविधाएं देने में कामयाब रहेगी।
प्रश्न- किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में इफको का क्या योगदान रहा है?
किसानों की आर्थिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हमने एचडीएफसी लाइफ के साथ एक समझौता किया है। इसके अलावा कृषि जागरण पत्रिका के साथ भी हमने एक समझौता किया है। इस पत्रिका के माध्यम से किसानों तक नई-नई तकनीकों और उत्पादों की जानकारी का पहुंचना सुनिश्चित हो सके।
इसके अलावा किसानों को उसकी फसल का सही दाम दिलाने के लिए हम फार्मर्स प्रोडूसर्स एसोसिएशन के साथ मिलकर भी काम कर रहे हैं। साथ ही कमोडिटी क्षेत्र के संगठनों से भी सहयोग लिया जा रहा है ताकि किसानों की फसल सीधे बाजार तक पहुँच सके।
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मैं इफको किसान की एक और बड़ी उपलब्धि साझा करना चाहूंगा। केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे 'किसान कॉल सेंटर' को इफको किसान ही संचालित कर रहा है। इसकी सफलता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता कि इस प्लेटफॉर्म पर हर दिन 40 हजार से अधिक कॉल प्राप्त होती हैं। कुल 23 राज्यों में क्षेत्रीय भाषाओं में यह सर्विस किसानों की मदद कर रही है। 550 से अधिक सेंटर पर अनुभवी कृषि विशेषज्ञ, किसानों की समस्या को सुलझाने में मदद करते हैं। इसके अलावा हम दूरसंचार कंपनी एयरटेल के माध्यम से किसानों को वॉइस मैसेज सुविधा भी दे रहे हैं। इसके लिए किसानों से कोई भी शुल्क नहीं लिया जाता है।
प्रश्न- किसानों की मौजूदा स्थिति पर आपकी क्या राय है?
मौजूदा वक्त में देश के किसानों की हालात बेहतर नहीं है. उनके लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं के बारे में किसानों को पूरी जानकारी नहीं होती है. इससे उन्हें बहुत नुकसान उठाना पड़ता है। कृषि क्षेत्र में प्रयोग की जा रही नई तकनीकों से वो रू-ब-रू नहीं हो पाते हैं। यहाँ तक कि उन्हें फसल के उचित दाम और बाजार के बारे में भी जानकारी नहीं होती है। केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। सरकार के इस प्रयास में इफको किसान भी अपनी भागीदारी निभा रहा है और कोशिश कर रहा हैं कैसे किसानों को बदहाली से निकाला जाए एवं किसानों को जरुरी जानकारी और सूचनाएं कैसे मिल सकें. उनकी जीवन शैली में सुधार हो सके और वो अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सकें।
प्रश्न- प्रधानमंत्री मोदी का किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य किस हद तक सफल हो पाएगा?
पीएम मोदी जी का किसानों की आय दोगुना करने का सपना एक सराहनीय सोच है। देश के किसानों को आर्थिक और सामाजिक स्तर पर मज़बूत करके ही देश को तरक्की के रास्ते पर ले जाया जा सकता है। अगर इफको जैसी सरकारी सस्थाएं, स्वंयसेवी संगठन और नीति निर्माता मिलकर इस दिशा में प्रयास करें तो मुमकिन है कि किसानों की आमदनी बढ़ेगी और साथ ही उनकी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आएंगे। अगर किसानों को फसल की उचित कीमतों की जानकारी दी जाएं और साथ ही खेती में नई और किफायती तकनीकों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाए तो इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। सही मायनों में देखा जाए तो किसानों की तरक्की देश की अर्थव्यवस्था को गति देगा। इफको किसान इस कार्य में अपनी भागीदारी निभाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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