
Integrated Poultry Development Scheme: बिहार सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने और अंडा उत्पादन बढ़ाने के लिए मुर्गीपालन को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है. प्रदेश सरकार बैंक ऋण पर वित्तीय सहायता और ब्याज छूट प्रदान करते हुए "एकीकृत पोल्ट्री विकास योजना" को चला रही है. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए, विशिष्ट लक्ष्यों में 10,000-लेयर पोल्ट्री और एक फ़ीड मिल के साथ-साथ 5,000-लेयर पोल्ट्री फार्मों को खोलने की योजना बनाया गया है. राज्य सरकार इसके साथ ही प्रदेश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने और युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है.
बिहार सरकार प्रदेश में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए कई अन्य योजनाओं को भी संचालित कर रही है. इन योजनाओं में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, महिला उद्यमी योजना आदि प्रमुख हैं.
खर्च और सुविधाएं
पशुपालन विभाग ने 10,000-लेयर मुर्गी पोल्ट्री फार्म के लिए इकाई और इसके साथ ही एक फीड मिल लगाने का अनुमान लगभग एक करोड़ रुपये लगाया है. राज्य सरकार इसके लिए लाभार्थी को 30 लाख रुपये (लागत का 30 प्रतिशत) तक का अनुदान प्रदान करेगी, साथ ही चार साल के लिए उनके बैंक ऋण पर 50 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी भी देगी. वहीं 5,000-लेयर पोल्ट्री फार्म के लिए, इकाई लागत 48.50 लाख रुपये है, और लाभार्थी 14.55 लाख रुपये (लागत का 30 प्रतिशत) तक का अनुदान और चार वर्ष के लिए अपने बैंक ऋण पर 50 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी मिलेगी. आप पूरी जानकरी को कुछ इस तरह समझ सकते हैं-
10,000 लेयर मुर्गियों का पोल्ट्री फार्म
- कुल लागत: 1 करोड़ रुपये
- अनुदान: लागत का 40% तक, अधिकतम सीमा 40 लाख रुपये
- ब्याज सब्सिडी: चार साल के लिए बैंक ऋण पर 50%
5,000 लेयर मुर्गियों का पोल्ट्री फार्म
- कुल लागत: 50 लाख रुपये
- अनुदान: लागत का 40%, 19.40 लाख रुपये तक
- ब्याज सब्सिडी: चार साल के लिए बैंक ऋण ब्याज पर 50%
पोल्ट्री फार्म खोलने के नियम
- यह आवासीय क्षेत्रों से 500 मीटर की दूरी पर स्थित होना चाहिए.
- यह किसी महत्वपूर्ण जल स्रोत और राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) से कम से कम 100 मीटर की दूरी पर स्थित होना चाहिए.
- इसकी राज्य राजमार्ग (एसएच) से न्यूनतम दूरी 50 मीटर और ग्रामीण सड़क, राष्ट्रीय उद्यान या जंगल से 10 मीटर होनी चाहिए.
- वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भूमि किसी पशु अभयारण्य या बाघ अभयारण्य से लगभग 1 किलोमीटर दूर होनी चाहिए.
- इसके अतिरिक्त, सुविधाजनक परिवहन के लिए निर्दिष्ट दूरी की आवश्यकताओं को पूरा करने वाली 20 फीट की सड़क होनी चाहिए, जो प्रमुख मार्ग से मिलनी चाहिए.
आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आवेदक की एक तस्वीर.
- आधार कार्ड की एक प्रति.
- निवास का प्रमाण.
- जाति प्रमाण पत्र (केवल अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आवेदकों के लिए अनिवार्य).
- बैंक खाता पासबुक की एक फोटोकॉपी.
- पैन कार्ड की एक प्रति.
- भूमि उपलब्धता की पुष्टि करने वाला दस्तावेज़.
- प्रस्तावित स्थल का दृश्य मानचित्र.
- आवेदन के समय आवेदक को आवश्यक धनराशि की फोटोकॉपी भी संलग्न करनी होगी.
- पट्टा समझौते, निजी संपत्ति स्वामित्व, या पैतृक भूमि स्वामित्व विवरण की प्रतियां.
- पूर्ण मुर्गीपालन प्रशिक्षण का साक्ष्य.
यह भी देखें: यूपी में इस दिन से आयोजित होगा श्री अन्न महोत्सव, इन किसानों को किया जाएगा सम्मानित, यहां जानें सबकुछ
एकीकृत कुक्कुट विकास योजना के लिए वे पशुपालन विभाग की अधिकारिक वेबसाइट state.bihar.gov.in पर जाकर इस संबंध में पूरी जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं.
Share your comments