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हरियाणा के किसानों के लिए एक बहुत अच्छी खबर है, क्योंकि अब राज्य की सरकार ने आने वाले 3 सालों में लगभग 400 छोटे और बड़े एकीकृत पैक हाउस खोलने का लक्ष्य बनाया है. इन पैक हाउस के द्वारा खेती में कम लागत और किसानों की आय को दोगुना किया जाएगा. राज्य सरकार इन पर लगभग 510 करोड़ का बजट खर्च करने वाली है, जो किसानों को सब्सिडी के रूप में दी जाएगी.
क्या है एकीकृत पैक हाउस
इन एकीकृत पैक हाउस में प्याज, आलू, टमाटर, प्याज, खीरा फसल की पैकिंग, वॉशिंग, प्रोसेसिंग, सीडिंग आदि की यूनिट का विशेष ध्यान रखा जाएगा. इस पर सरकार लगभग 5 करोड़ 29 लाख रुपये की सब्सिडी दे रही है, साथ ही बागवानी फसल पर बीमा योजना भी लागू करने वाली है. सरकार का कहना है कि अगर किसान सामूहिक रूप से पैक हाउस का निर्माण करते हैं, तो सरकार उनकी पूरी तरह से मदद करेगी. इन पैक हाउस की खास बात है कि इनके उत्पादों का सीधा मुनाफ़ा किसानों को होगा, साथ ही मल्टीनेशनल कंपनियां किसान से सीधे उत्पाद खरीद सकेंगी.
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किसानों को मिलेगा लाभ
किसान समूहों द्वारा पैक हाउस बनाने से उत्पाद की ग्रेडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग बहुत आसनी से हो जाएगी. पैक हाउस से किसान अधिक से अधिक संख्या में जुड़ने लगे हैं. बता दें कि इन पैक हाउस में आधुनिक मशीनों का उपयोग किया जाएगा. इसमें सब्जियों के धोने, छांटने, ग्रेडिंग और पैकिंग आदि का काम आधुनिक मशीनों द्वारा किया जाएगा. इतना ही नहीं, सब्जियों को कोल्ड स्टोर में रखने के साथ-साथ सीधा कंपनियों के पास भेजने की व्यवस्था की गई है. सरकार चाहती है कि अधिकतर किसान बागवानी खेती की ओर ध्यान दें और फसलों में कीटनाशकों का कम उपयोग करके जैविक खेती को अपनाएं.
सरकार की तरफ से मिलेगी सब्सिडी
सरकारा का लक्ष्य है कि राज्य के अधिकतर किसान पैक हाउस खोलें. इसके लिए किसानों को सरकार की तरफ से 70-90 प्रतिशत की सब्सिडी भी मिलेगी
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