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सबसिडी बंद होने से अब महंगे मिलेगें कीटनाशक

हिमांचल प्रदेश में अभी जीरो बजट के खेती अभी चालू नहीं हुई है. इससे पहले ही हिमाचल की जयराम सरकार ने कीटनाशकों और फसलों में होने वाले रोगों से बचाने के लिए छिड़काव की जाने वाली सभी रसायनो पर दी जाने वाली सबसिडी को बंद कर दिया है. अब इसी सम्बन्ध में कृषि वैज्ञानिकों के तरफ से एक निर्देश जारी हुआ है कि अब ये सभी कीटनाशक और दवाएं अब महंगी मिलेगी।

हिमांचल प्रदेश में अभी जीरो बजट के खेती अभी चालू नहीं हुई है. इससे  पहले ही हिमाचल की जयराम सरकार ने कीटनाशकों और फसलों में होने वाले रोगों से बचाने के लिए छिड़काव की जाने वाली सभी रसायनो पर दी जाने वाली सबसिडी को बंद कर दिया है. अब इसी सम्बन्ध में कृषि वैज्ञानिकों के तरफ से एक निर्देश जारी हुआ है कि अब ये सभी कीटनाशक और दवाएं अब महंगी मिलेगी।

इस तरह हिमाचल सरकार द्वारा कीटनाशकों पर मिलने वाली सबसिडी बंद करने से प्रदेश के लाखों किसानों पर महंगाई का एक और बोझ धकेल दिया है। अब किसानों को कीटनाशक पूरे दाम पर ही बाजारों से लेना पड़ेगा। आप को बता दे की प्रदेश सरकार हर साल दो करोड़ रूपये की सबसिडी कीटनाशकों और फसलों को रोग मुक्त करने वाले दवाइयों पर दे रही थी। हिमाचल में रहने वाले लगभग 80 फीसद लोग खेती करते है। ज्यादातर लोगो द्वारा रसायनिक खेती की जा रही है.कीटनाशकों पर 30 फीसद से 50 फीसद तक की सबसिडी का प्रावधान था।

हिमांचल प्रदेश में जीरो बजट कि खेती के लिए किसानो को प्रशिक्षण दिया जायेगा। अभी मौजूदा समय में हो रही खेती के लिए रासायनिक बीज उपलब्ध है। लेकिन इसके विपरीत जीरो बजट की खेती के लिए नहीं है। जीरो बजट खेती के लिए जब बीज ही नहीं हैं तो खेती कैसे शुरू होगी। अभी लोग बाजार से ही बीज खरीद कर खेती कर रहे हैं।

प्राकृतिक खेती को दिया जाएगा बढ़ावा

कीटनाशकों व फसलों को रोगों की दवाओं पर प्रदेश सरकार द्वारा दी जाने वाली सबसिडी को समाप्त कर दिया गया है। प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया गया है।

प्रभाकर मिश्रा, कृषि जागरण

English Summary: Subsidy now will get expensive pesticides Published on: 12 October 2018, 04:38 AM IST

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