देश के किसानों के सामने आज भी सबसे बड़ी समस्या सिंचाई साधनों की है. इसी को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार नलकूप खनन योजना चला रही है जिसके अंतर्गत किसानों को नलकूप खनन के लिए 75 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है. बता दें कि मध्य प्रदेश में सिंचित भूमि का रकबा कुल बुवाई के रकबे का लगभग एक तिहाई है. तो आइए जानते हैं इस योजना के बारे में -
किसे मिलेगा लाभ-
इस योजना का लाभ प्रदेश के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति के किसान उठा सकते हैं. वहीं सामान्य वर्ग के किसानों को अलग योजना के तहत लाभ दिया जाता है. यह योजना इंदौर और शाजापुर जिले को छोड़कर पूरे राज्य में लागू है.
क्या मिलेगा लाभ-
योजना के मुताबिक सफल या असफल नलकूप खनन पर 75 प्रतिशत राशि अधिकतम 25, 000 रूपये राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी. वहीं सफल नलकूप पर पंप लगाने के लिए 75 प्रतिशत अधिकतम 15000 हजार रूपये की राशि राज्य सरकार द्वारा हितग्राही को प्रदान की जाएगी.
राज्य माइक्रोइरीगेशन मिशन-
योजना का उद्देश्य-
इस योजना का उद्देश्य राज्य में उपलब्ध सिंचाई जल का अधिक से अधिक उपयोग करके उत्पादन को बढ़ाना है.
योजना का लाभ- राज्य के सभी किसानों को जिनके पास खुद की कृषि भूमि हो.
क्या फायदा मिलेगा-
स्प्रिंकलर- इस प्रणाली को लगाने के लिए लागत का 80 फीसदी या अधिकतम 12 हजार रूपए प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जाएगा.
ड्रिप सिंचाई- इस प्रणाली को लगाने वाले किसानों को लागत का 80 प्रतिशत या अधिकतम 40,000 हजार प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जाएगा.
मोबाइल रेनेगन- इस प्रणाली को लगाने के लिए लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 15, 000 रूपए प्रति रेनगन का अनुदान दिया जाएगा.
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