बात अगर बागवानी की करें तो सबसे पहले इसकी शुरुआत हमारे घरों से होती है. ख़ासकर महिलाओं को बागवानी का बेहद शौक होता है. वे अपने घर के हर कोने को हरा-भरा देखना पसंद करती हैं. पेड़-पौधों की देखभाल उनकी दिनचर्या का अहम हिस्सा होता है.
ऐसे में सरकार ने बागवानी करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाओं का सहारा लेती आई है. सरकार ने किसानों को आठ हजार रुपये प्रति एकड़ अलग से प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है. ये योजना किसान की आय को दोगुना करने की दिशा में एक मजबूत कदम बताया जा रहा है. योजना का लाभ उठाने वाले बांस की स्टेकिग से सब्जी की खेती करते हों, पालीहाउस बनाकर सब्जी उगाते हों और प्लास्टिक मल्चिग से खेती करते हों.
किसान सूक्ष्म सिंचाई योजना से फसल की सिंचाई करते हों, ऐसे किसानों को सीसीडीपी योजना के तहत आठ हजार रुपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जाएगा. इसके बारे में जानकारी देते हुए जिला उपायुक्त जितेंद्र यादव ने बताया कि इन तकनीकों पर 50 फीसद सब्सिडी अलग से दी जाएगी. किसान को योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन करना होगा.
बीज का बिल, आधार कार्ड, बैंक खाता पासबुक की फोटो प्रति, जमीन की फर्द की फोटो प्रति, राशन कार्ड या परिवार पहचान पत्र की फोटो कापी बागवानी अधिकारी के कार्यालय में अनुदान देने के लिए जमा करानी होगी.
उपायुक्त का कहना है कि सब्जी के अतिरिक्त अन्य योजनाओं का लाभ किसान बागवानी विभाग से उठा सकते हैं. नेट पालीहाउस, अमरूद, बेर, नींबू व किन्नू के बाग लगाने, पानी के लिए तालाब, बास, तार पर सब्जी की खेती और फूलों की खेती करने पर योजनाओं का किसानों को लाभ दिया जा रहा है.
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आपको बता दें हमारे देश में कई किसान ऐसे हैं जो बागवानी कर लाखों कमा रहे है. उनका कहना है पारम्परिक तरीकों से खेती ना करते हुए भी वह आज एक सफल किसान के रूप में जाने जाते हैं. आपको बता दें. गोभी, खीरा, तरबूज और टमाटर की खेती कर किसान लाखों में कमा रहे हैं.
साथ ही उन्होंने अन्य किसान भाइयों से अपील करते हुए कहा की वो इस तरह की खेती पर भी ध्यान देकर अपनी आय दुगुनी कर सकते हैं.
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