उत्तर प्रदेश की सरकार ने मुजफ्फरनगर के बागवानी किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है. दरअसल किसानों को खेती में किसी तरह की लागत नहीं लगानी होगी, बल्कि उनको श्रम तक का पैसा दिया जाएगा. राज्य सरकार मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना के तहत जिल के बागवानी किसानों को पौधे और खाद मुफ्त में उपलब्ध कराएगी. इसके साथ ही 3 साल तक मजदूरी का भी भुगतान देगी. बता दें कि राज्य सरकार ने मनरेगा में 3 वर्षीय मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना में 105 हेक्टेयर में अमरूद, आम, लीची, नींबू और आडू की खेती का लक्ष्य रखा है.
क्या है मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना
राज्य सरकार द्वारा लघु और सीमांत श्रेणी के किसानों के लिए बाग लगाने की योजना शुरू की है. इस योजना के तहत किसानों को किसी तरह की लागत नहीं लगानी होगी. किसान अपने निजी खेत में अमरूद, आम, नींबू, लीची आर आडू की खेती कर सकते हैं. इसके अलावा जहां किसान बाग लगाते हैं, उसकी कंटीले तार से फेसिंग की जाएगी. इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान 10 जुलाई 2020 तक आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए किसान बागवानी विभाग से सीधा संपर्क कर सकते हैं.
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हर 15 दिन के अंदर खाते में जाएगा पैसा
जिला उद्यान अधिकारी का कहना है कि किसान की मजदूरी खेत में गड्ढे खोदाई करने से ही शुरू हो जाएगी. किसानों को अच्छी किस्म के पौधे और खाद मुफ्त में उपलब्ध कराए जाएंगे. अगर किसानों की एक साल की आमदनी की बात करें, तो एक हेक्टेयर में आम की खेती से 22,713 रुपए की मजदूरी मिल जाएगा. इसके अलावा अमरूद की खेती से 33,165 रुपए, नींबू की खेती से 45,625 रुपए प्राप्त होंगे. खास बात है कि अगर किसान 3 मीटर पर अमरूद का बाग लगाते हैं, तो एक हेक्टेयर में 93,867 रुपए की मजदूरी मिल जाएगा. किसानों को इस योजना का लाभ ज़रूर उठाना चाहिए. यह योजना बेहतर आमदनी कमाने का बहुत अच्छा जरिया है.
पात्रता
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मुजफ्फरनगर के बागवानी किसानों को लाभ मिलेगा.
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इस योजना का लघु या सीमांत किसानों को ही मिल पाएगा.
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पट्टे की जमीन को वरीयता दी जाएगी.
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एससी, विधवा, जॉब कार्ड धारक को भी वरीयता मिलेगी.
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105 हेक्टेयर में बाग लगाने का लक्ष्य
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राज्य सरकार द्वारा जिले में 105 हेक्टेयर में बाग लगाने का लक्ष्य तय किया गया है.
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आम की खेती 30 हेक्टेयर
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लीची की 10 हेक्टेयर
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अमरूद 30 हेक्टेयर
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आडू 10 हेक्टेयर
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नींबू 20 हेक्टेयर
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इसके अलावा अमरूद की खेती 5 हेक्टेयर में की जाएगी.
पूरा खर्च वहन करेगी सरकार
खास बात है कि राज्य सरकार पौधे, खाद से लेकर सभी अन्य खर्चों की लगत वहन करेगी. इसके साथ ही किसान को हर 15 दिन बाद खेत में काम करने की मजदूरी दी जाएगी. इस तरह किसानों को आर्थिक मदद मल पाएगी.
इतना बजट हुआ तय
इस योजना के लिए राज्य सरकार ने लगभग 96,17,595 का बजट तय किया है. इसमें से पौधा और खाद पर 34,98,150 रुपए खर्च किए जाएंगे. किसान को मजदूरी देने के लिए 61,19,445 रुपए की व्यवस्था की गई है. यह राशि किसान को लगातार 3 साल तक मिलती रहेगी.
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