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Agricultural input subsidy scheme: किसान को खरीफ फसल नुकसान का अनुदान नहीं मिला, तो 31 मार्च तक करें आवेदन

किसानों के हित में केंद्र और राज्य सरकार तमाम कदम उठाती है. फिर भी किसानों के सामने कई समस्याएं खड़ी हो जाती हैं. किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या है मौसम. हर साल किसानों की फसलें मौसम की वजह से बर्बाद हो जाती है. इस स्थिति में किसानों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई गई हैं. इसकी कड़ी में बिहार सरकार ने किसानों के लिए कृषि इनपुट सब्सिडी योजना (Agricultural input subsidy scheme) चला रखी है. इस योजना के तहत खरीफ सीजन में बर्बाद हुई फसल का अनुदान दिया जाता है. बता दें कि इस योजना के तहत बिहार सरकार द्वारा साल 2019 में आवेदन मांगे थे, लेकिन कई किसानों के ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में आवेदन रद्द हो गए थे. ऐसे में बिहार सरकार ने रद्द आवेदनों पर पुनर्विचार किया और किसानों से 31 मार्च 2020 तक आवेदन मांगे हैं.

कंचन मौर्य
कंचन मौर्य

किसानों के हित में केंद्र और राज्य सरकार तमाम कदम उठाती है. फिर भी किसानों के सामने कई समस्याएं खड़ी हो जाती हैं. किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या है मौसम. हर साल किसानों की फसलें मौसम की वजह से बर्बाद हो जाती है. इस स्थिति में किसानों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा कई सरकारी योजनाएं चलाई गई हैं. इसकी कड़ी में बिहार सरकार ने किसानों के लिए कृषि इनपुट सब्सिडी योजना (Agricultural input subsidy scheme) चला रखी है. इस योजना के तहत खरीफ सीजन में बर्बाद हुई फसल का अनुदान दिया जाता है. बता दें कि इस योजना के तहत बिहार सरकार द्वारा साल 2019 में आवेदन मांगे थे, लेकिन कई किसानों के ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में आवेदन रद्द हो गए थे. ऐसे में बिहार सरकार ने रद्द आवेदनों पर पुनर्विचार किया और किसानों से 31 मार्च 2020 तक आवेदन मांगे हैं.

क्या है कृषि इनपुट सब्सिडी योजना (What is agricultural input subsidy scheme)

बिहार सरकार द्वारा कृषि इनपुट अनुदान योजना चलाई गई है, जिसके तहत किसानों के नुकसान की भरपाई की जाती है. देश के किसानों को हर साल मौसम की मार झेलनी पड़ती है. साल 2019-20 भी किसानों के लिए काफी अच्छा रहा है. कभी बाढ़, कभी सूखा पड़ने की वजह से किसान की फसल बर्बाद हो जाती है. यहां वजह है कि किसानों की खरीफ और रबी की फसल काफी प्रभावित होती हैं. इस तरह बिहार में भी कई किसानों की खरीफ फसलें साल 2019 में बर्बाद हो गईं. सरकार ने भरपाई के लिए आवेदन मांगे, लेकिन कई किसान के आवेदन अलग-अलग कारणों की वजह से रद्द हो गए. ऐसे में किसानों को एक और मौका दिया जा रहा है.

कृषि इनपुट अनुदान योजना की खास बातें (Highlights of Agricultural Input Grant Scheme)

  • इस योजना के तहत किसानों को अनुदान 6800 रुपए प्रति हैक्टेयर की दर से दिया जाता है.

  • इस योजना का लाभ खरीफ मौसम में अल्पवृष्टि की वजह से खेत में किसी प्रकार की फसल नहीं लग पाए, तो इसका लाभ किसानों को दिया जाता है.

  • जिन किसानों की फसल बाढ़ और अतिवृष्टि के कारण बर्बाद हुई है, उन्हें असिंचित फसल क्षेत्र के लिए 6800 रुपए प्रति हेक्टेयर, सिंचित क्षेत्र के लिए 13500 रुपए प्रति हेक्टेयर और कृषि योग्य भूमि के लिए 12,200 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान मिलता है. ध्यान दें कि यह अनुदान 2 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए दिया जाता है.

  • इस योजना के तहत फसल क्षेत्र के लिए न्यूनतम 1000 रुपए का अनुदान मिलता है.

कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत पुनर्विचार आवेदन

  • बता दें कि बिहार सरकार द्वारा खरीफ मौसम में बर्बाद हुए फसल के नुकसान के लिए पुनर्विचार आवेदन मांगे गए हैं.

  • इस आवेदन की अंतिम तिथि 31 मार्च 2020 है.

ऐसे करें आवेदन (How to apply)

  • किसान कृषि विभाग, बिहार के डी.बी.टी. पोर्टल पर कृषि इनपुट अनुदान योजना, वर्ष 2019-20 हेतु पुनर्विचार के लिए डी.बी.टी. के लिए http://164.100.130.206/fds/fdsreconsider.aspx पर आवेदन कर सकते हैं.

  • यह आवेदन पदाधिकारियों के लॉगिन में सत्यापन के लिए भेजा जाएगा.

  • इसके बाद जिला कृषि पदाधिकारी के सत्यापन के लिए भेजा जाएगा.

  • अब किसान का आवेदन एडीएम स्तर पर भेजा जाएगा.

  • राज्य स्तर पर आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा.

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English Summary: apply for kharif crop loss grant on 31st march under kisan agricultural input subsidy scheme Published on: 28 March 2020, 02:17 IST

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