नकली बीज की समस्या से मिलेगी निजात, इस ऐप से पता चलेगा बीज असली है या नकली
खेती-किसानी में किसानों के सामने बीजों की क्वालिटी अब एक बड़ी समस्या बन गई है, मार्केट में नकली बीज से किसानों को ठगा जा रहा है साथ बीज विक्रेताओं से किसानों को लो क्वॉलिटी के बीज भी मिल रहे हैं. इससे उत्पादन पर भारी गिरावट देखने को मिल रही है, हालांकि अब इस समस्या का समाधान होने वाला है.
किसानों की आय बढ़ाने के साथ ही उनके हित के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार कदम उठा रही हैं. वह कोशिश रहती है कि किसानों को उनका हक मिले. बीज पर सब्सिडी, मशीनों की कीमत पर छूट मिले, जो कि किसान की बड़ी मदद करती हैं. ऐसे में खेती करने के लिए जरूरी होता है कि बीज अच्छी क्वालिटी का हो लेकिन अभी तक किसान के पास ऐसा कोई पैमाना नहीं है, जिससे तत्काल पता चल सके कि, बीज असली है या फिर नकली. हालांकि अब एक कवायद केंद्र सरकार की ओर से की गई है, एक एप लॉन्च किया गया जिसकी मदद से तुरंत पता चल जाएगा कि बीज असली है या फिर नकली.
SATHI ऐप बताएगा, बीज की क्वॉलिटी
किसान अवेयर होकर नकली बीज खरीदने से बचें इसको लेकर किसानों को लगातार जागरुक किया जा रहा है और अब बीज असली है या नकली इसके बारे में पता करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री ने SATHI यानि की सीड ट्रैसेबिलिटी, ऑथेंटिकेशन एंड होलिस्टिक इन्वेंटरी नाम से पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च किया है. नकली बीजों की जानकारी के लिए एक सेंट्रलाइज्ड ऑनलाइन व्यवस्था बनाई गई जिसका फायदा किसानों को मिलेगा.
साथी ऐप को NIC ने कृषि मंत्रालय के सहयोग से बनाया है साथ ही NIC ने इस ऐप को उत्तम बीज-समृद्ध किसान सब्जेक्ट पर डेवलप किया है. जिसको लेकर कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि किसानों के सामने नकली बीज को पहचानने का बहुत बड़ा संकट है साथी ऐप उनकी बहुत मदद करेगा. केंद्र सरकार योजना के साथ कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों की हर मदद करने की कोशिश कर रही है.
लाखों किसानों जोड़ेंगे
कृषि मंत्री ने बताया कि इस पोर्टल से देश के लाखों किसानों को जोड़ा जाएगा अभी साथी पोर्टल का पहला फेज है, जल्द ही दूसरा फेज भी शुरू होगा. केेंद्रीय मंत्री ने बताया कि अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि दूसरे चरण को लागू करने में ज्यादा वक्त नहीं लगना चाहिए.
किसानों को ऐप की देंगे ट्रेनिंग
किसानों को पूरी तरह से लाभ देने के लिए जागरूकता बढ़ाने की कोशिश की जाएगी. इस ऐप में एक QR कोड होगा जिससे बीज को ट्रेस किया जायेगा. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), कृषि विज्ञान केंद्रों, राज्य सरकारों के बीच से इस संबंध में ट्रेनिंग दी जाना चाहिए. वहीं कृषि मंत्री ने सीड ट्रेसेबिलिटी से सभी राज्यों को जुड़ने की अपील भी की है.
साथी पोर्टल गुणवत्ता आश्वासन प्रणाली सुनिश्चित करेगा. बीज उत्पादन श्रृंखला में बीज के स्रोत की पहचान होगीइस प्रणाली में बीज श्रृंखला के एकीकृत 7 वर्टिकल शामिल किए जाएंगे. अनुसंधान संगठन, बीज लाइसेंसिंग, बीज सूची, बीज प्रमाणीकरण, डीलर से किसान को बिक्री और किसान पंजीकरण के साथ बीज डीबीटी ये 7 वर्टिकल होंगे.
वैध प्रमाणीकरण वाले बीज केवल वैध लाइसेंस प्राप्त डीलरों ही केंद्रीय रूप से पंजीकृत किसानों को बेच सकते हैं, जो सीधे अपने पूर्व-मान्य बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं.
English Summary: Will get rid of the problem of fake seeds, this app will tell whether the seed is real or fakePublished on: 04 May 2023, 06:16 PM IST
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