कृषि क्षेत्र में आज के समय में किसान भाई कम समय में अधिक मुनाफा कमाने के लिए नई-नई किस्मों के साथ तकनीकों को भी अपने खेत में अपना रहे हैं. इन्हीं तकनीकों के चलते बाजार में कई तरह की रंग-बिरंगी सब्जियां देखने को मिलती हैं. अब तक आप सब लोगों ने बाजार में काले रंग के बैंगन को ही देखा होगा. लेकिन अब आप बाजार में सफेद रंग के बैंगन को भी देखेंगे.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इन दिनों मंडियों में काले की जगह सफेद बैंगन लोगों के द्वारा सबसे अधिक खरीदा जा रहा है. इसकी खेती से देश के किसान भाइयों को भी अच्छा लाभ प्राप्त हो रहा है. देखा जाए तो काले बैंगन के मुकाबले किसानों को सफेद बैंगन की अच्छी पैदावार प्राप्त हो रही है. इसकी कीमत भी बाजार में अन्य बैगानों की अपेक्षा अधिक है.
अब आप सोच रहे होंगे कि ये सफेद बैंगन (White Eggplant) प्राकृतिक हैं. लेकिन ऐसा नहीं जैसा की हमने आपको ऊपर बताया कि किसान नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल करके अलग-अलग तरह की सब्जियों को उगा रहे हैं. ठीक इसी प्रकार से यह सफेद बैंगन भी है, जिसे कृषि वैज्ञानिकों ने अनुसंधान के जरिये तैयार किया है.
सफेद बैंगन की खेती (Cultivation of White Brinjal)
मिली जानकारी के मुताबिक, सफेद बैंगन की खेती सर्दियों में की जाती है. लेकिन आज के आधुनिक दौर में किसानों के द्वारा इसे गर्मियों से सीजन में भी उगाया जा सकता है. भारत के कृषि वैज्ञानिकों ने अब तक बैंगन की दो किस्में तैयार की हैं. पूसा सफेद बैंगन-1 और पूसा हरा बैंगन-1
बता दें कि यह दोनों ही फसलें जल्द ही पककर तैयार हो जाती हैं. सफेद बैंगन की खेती करने के लिए किसानों को इस बात का जरूर ध्यान रखना है कि इसके बीज ग्रीनहाउस में संरक्षित हॉट बेड में दबाकर रखें ताकि यह जल्द पक सकें और अच्छी पैदावार दे सकें.
सफेद बैंगन की खेती के लिए जरूरी बातें
अगर आप इसकी खेती करते हैं, तो बुवाई करने के तुरंत बाद सिंचाई का कार्य शुरु कर दें. लेकिन ध्यान रहे कि इसकी खेती में आपको अधिक पानी से सिंचाई नहीं करनी है. क्योंकि इसमें कम पानी की आवश्यकता होती है. इसके अलावा आपको इसकी खेती में जैविक खाद या जीवामृत का प्रयोग भी उचित मात्रा में करना चाहिए.
साथ ही इसकी फसल का बेहद ध्यान रखें. क्योंकि इसमें कीड़े व बीमारियां लगने की संभावना सबसे अधिक होती है. इसके बचाव के लिए मिट्टी की नमी को बनाए रखें और जैविक कीटनाशक का भी समय-समय पर छिड़काव करते रहें.
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इतने दिन में पककर होती है तैयार
सफेद बैंगन की खेती अगर सही तरीके से की जाए तो यह फसल लगभग 70 से 90 दिनों के अंदर पूरी तरह से पककर तैयार हो जाती है.
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