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ड्रिप-मल्चिंग तकनीक से हो रही उन्नत खेती, जानें क्या है यह विधि और किन फसलों के लिए है लाभदायक

ड्रिप मल्चिंग तकनीक/Drip Mulching Technology आज के समय में बागवानी किसानों के लिए काफी लाभदायक साबित हो रही है. ऐसे में इस तकनीक की मदद से बिहार के किसान अपने बागों में तरबूज और खरबूजे की उन्नत खेती कर रहे हैं.

लोकेश निरवाल
ड्रिप-मल्चिंग तकनीक
ड्रिप-मल्चिंग तकनीक , सांकेतिक तस्वीर

किसानों को कम समय में अधिक पैदावार लगाने के लिए बाजार में कई तरह की बेहतरीन तकनीक आ गई है, जिसकी मदद से किसानों को फसल की उपज तो अच्छी मिलती है और साथ ही लागत में भी कमी आती है. इन्हीं तकनीक में ड्रिप मल्चिंग तकनीक/Drip Mulching Technology है. इस तकनीक से बागवानी फसलों से किसानों को अच्छा उत्पादन मिल रहा है. इसके अलावा इस तकनीक से पानी की कमी वाले स्थानों पर भी फसल करना काफी आसान हो गया है.

बता दें कि बिहार के रोहतास जिले के किसानों द्वारा ड्रिप-मल्चिंग तकनीक/ Drip-Mulching Technique को अपनाकर तरबूज और खरबूजा की उन्नत खेती/Cultivation of Watermelon and Melon कर रहे हैं. आइए इस तकनीक के बारे में विस्तार से जानते हैं... 

क्या है ड्रिप-मल्चिंग तकनीक/ What is Drip-Mulching Technique?

ड्रिप-मल्चिंग तकनीक एक तरह की प्रौद्योगिकी है, जिसमें पौधे को अच्छे से विकसित किया जाता है. सरल भाषा में कहा जाए तो इस तकनीक के माध्यम से पौधों को सही तरह से जल और पोषक तत्वों की आपूर्ति करने में मदद मिलती है. किसान इस तकनीक की मदद से सीधे पौधों के नीचे पानी और पोषक तत्वों की छिद्रांकित आपूर्ति करते हैं. किसानो तक इस तकनीक को पहुंचाने का मुख्य उद्देश्य पौधों को समय पर और ठीक मात्रा में पोषण प्रदान करके उनके विकास को बढ़ावा देना. ताकि किसानों की मेहनत और समय दोनों की बचत हो सके.

इन फसलों पर की जा सकती है ड्रिप-मल्चिंग तकनीक

वैसे तो ड्रिप-मल्चिंग तकनीक का इस्तेमाल/ Use of Drip-Mulching Technique विभिन्न फसलों की किया जा सकता है. लेकिन ड्रिप मल्चिंग मुख्यता: बागवानी फसलों में काफी लाभदायक मानी जाती है. जैसे कि टमाटर, आलू, प्याज, गाजर, बैंगन, शिमला मिर्च, गोभी, तोरई, बैंगन, आदि. इसके अलावा किसान ड्रिप मल्चिंग तकनीक को फलों की खेती में भी उपयोग कर सकते हैं. जिनके नाम कुछ इस प्रकार से हैं. आम, सेब, अंगूर, संतरा, अनार, आदि. इस तकनीक से किसान बागवानी में उन पौधों की खेती भी कर सकते हैं, जो सब्जियों और हर्बल पौधे की लिस्ट में शामिल होते हैं. किसान चाहे तो इस तकनीक का इस्तेमाल धान, गेहूं, चावल, मक्का और अन्य कई फसलों में भी कर सकते हैं.

ड्रिप-मल्चिंग तकनीक लगाने में खर्च

ड्रिप-मल्चिंग तकनीक लगाने में खर्च किसान की जरूरतों पर निर्भर करता है. जैसे कि किसान के खेत का आकार, खेत में किन-किन फसलों को लगाया गया हैं और खेत में लगने वाले ड्रिप सिस्टम की गुणवत्ता क्या है. अगर देखा जाए तो बड़े खेतों में ड्रिप मल्चिंग सिस्टम/ Drip Mulching System लगाने के लिए किसानों को अधिक खर्च करना पड़ता है. वही, छोटे क्षेत्रों के खेतों के लिए कम खर्च आता है.

अगर हिसाब लगाया जाए तो करीब एक एकड़ खेत पर ड्रिप सिस्टम/Drip System लगाने के लिए 50-60 हजार रुपये की लागत आती है. हालांकि इस सिस्टम को खेत में लगाने के लिए अब सरकार से भी बेहतर सब्सिडी की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है.

ड्रिप सिस्टम लगवाने के लिए इन योजना से पाएं सब्सिडी

अगर आप भी सरकार की सब्सिडी की सुविधा की मदद से अपने खेत में ड्रिप सिस्टम लगाकर खेती करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको पीएम कृषि सूक्ष्म सिंचाई योजना/ Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana (PMKSY) में आवेदन कर इस सुविधा का लाभ उठाना होगा, जिसमें किसानों को खेत में ड्रिप सिस्टम लगवाने के लिए करीब 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है.

English Summary: what is drip mulching technology benefits in hindi Published on: 30 April 2024, 11:34 AM IST

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