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खेती में मल्चिंग की क्या है भूमिका, उत्पादन व खर्च पर कैसे पड़ता है फर्क, यहां जानें सबकुछ

फसलों की मल्चिंग से आपको कई फायदे मिल सकते हैं. इसमें उत्पादन क्षमता बढ़ेगी व ज्यादा संसाधन की भी आवश्यकता नहीं होगी. तो आइये मल्चिंग के बारे में जानें सबकुछ.

मुकुल कुमार
जानें क्या है मल्चिंग व किसानों को कैसे होता है इससे फायदा
जानें क्या है मल्चिंग व किसानों को कैसे होता है इससे फायदा

आप बिना रासायनिक दवा व खाद के बिना भी मिट्टी की उत्पादक क्षमता बढ़ा सकते हैं. वहीं, इसके बिना खेत को खरपतवारों से भी मुक्त किया जा सकता है. जी हां, यह सुनकर आपको थोड़ी हैरानी जरूर होगी लेकिन ऐसा संभव है. आप फसलों की मल्चिंग करके खेती से जुड़े कई फायदे हासिल कर सकते हैं. इस प्रक्रिया से पानी की भी काफी बचत होती है. आइये जानें मल्चिंग से कैसे होता है खेती में फायदा और उत्पान व खर्च पर कितना पड़ता है फर्क.

क्या है मल्चिंग व कैसे होता है फायदा

खेत की मिट्टी को किसी सामग्री से ढककर रखने की प्रक्रिया को हम मल्चिंग कहते हैं. मिट्टी को ढकने के लिए प्लास्टिक मल्चिंग पेपर, गेहूं की पराली, धान की पराली व घास का इस्तेमाल किया जाता है. खेत में मल्चिंग करने के कई फायदे होते हैं. इससे पहले तो खेत खरपतवारों से मुक्त रहता है. इसके अलावा, मल्चिंग करने से मिट्टी में नमी लंबे समय तक बनी रहती है. क्योंकि सूर्य की रौशनी सीधे जमीन पर नहीं पड़ती है. जिस कारण पानी का वाष्पीकरण नहीं होता है. ऐसे में सिंचाई की आवश्यकता भी बहुत कम होती है. कुल मिलाकर यह कह सकते हैं मल्चिंग से पानी की भी काफी बचत कर सकते हैं. वहीं, मल्चिंग करने से हमारे खेत की मिट्टी एकदम भुरभुरी हो जाती है. ऐसे में अगर वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग किया जाए तो मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ जाती है. साधारण की तुलना में मल्चिंग की प्रक्रिया से खेती करने में लगभग 30 प्रतिशत कम खर्च होता है. 

यह भी पढ़ें- प्लास्टिक मल्चिंग बिछाने से पहले रखें इन बातों का ख्याल, विस्तार से समझिए तरीका

मल्चिंग पेपर का इस्तेमाल

मल्चिंग पेपर 10 से 100 माइक्रोन तक बाजार में मिलते हैं. लेकिन खेत में 25-30 माइक्रोन वाले मल्चिंग पेपर का इस्तेमाल होता है. इनकी चौड़ाई दो से चार फीट या उससे अधिक भी होती है. वैसे तो यह कई रंगों में उपलब्ध होते हैं. लेकिन किसानों के लिए काला व सिल्वर रंग के मल्चिंग पेपर सही हैं. ज्यादा तापमान वाले इलाकों में सिल्वर व कम तापमान वाले क्षेत्रों में काले रंग के मल्चिंग पेपर इस्तेमाल होते हैं.

ड्रिप इरीगेशन से उत्पादन ज्यादा

अगर ड्रिप इरीगेशन के साथ मल्चिंग पेपर का उपयोग किया जाए, तो उपज आसानी से ज्यादा मिल जाती है. वहीं, ड्रिप इरीगेशन के बिना भी मल्चिंग करके ज्यादा उत्पादन का लाभ उठा सकते हैं. लेकिन उसके लिए खेत में आपको नाली का निर्माण करना होता है. इसी तरह, मल्चिंग में पानी सहित तमाम संसाधनों की बचत होती है. जिससे खर्च कम और उत्पादन ज्यादा मिलता है. यह प्रक्रिया किसानों के लिए हर तरह से फायदेमंद है.

English Summary: Benefit of mulching in agriculture, how does it affect production know here Published on: 22 May 2023, 12:25 PM IST

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