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यूपी-एमपी के किसान अकरकरा की खेती से हो रहे मालामाल, प्रति एकड़ 4 लाख रुपये तक की आमदानी

केन्द्र सरकार किसानों को प्रोग्रेसिव फार्मिंग के लिए लगातार प्रोत्साहित कर रही है. दरअसल, केन्द्र सरकार चाहती है किसानों की आय दोगुना है. यही वजह है कि सरकार किसानों को पारंपरिक खेती से हटकर आधुनिक खेती के लिए प्रेरित कर रही है. किसान भी अपनी भागीदारी निभाते हुए पारंपरिक खेती से हटकर औषधीय खेती की तरफ बढ़ रहे हैं. कई राज्यों में औषधीय गुणों से भरपूर अकरकरा की खेती की जा रही है. इनमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात तथा महाराष्ट्र के किसान अव्वल है.

श्याम दांगी

केन्द्र सरकार किसानों को प्रोग्रेसिव फार्मिंग के लिए लगातार प्रोत्साहित कर रही है. दरअसल, केन्द्र सरकार चाहती है किसानों की आय दोगुना है. यही वजह है कि सरकार किसानों को पारंपरिक खेती से हटकर आधुनिक खेती के लिए प्रेरित कर रही है. किसान भी अपनी भागीदारी निभाते हुए पारंपरिक खेती से हटकर औषधीय खेती की तरफ बढ़ रहे हैं. कई राज्यों में औषधीय गुणों से भरपूर अकरकरा की खेती की जा रही है. इनमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात तथा महाराष्ट्र के किसान अव्वल है.

कैसी जमीन उपयुक्त है? 

अकरकरा की खेती से अन्य फसलों की तुलना में अधिक मुनाफा होता है. अकरकरा और इसकी जड़ों की बाजार में मांग भी ज्यादा है. जहां तक इसके लिए उपयुक्त जमीन की बात करें तो इसके लिए अच्छी जलनिकासी वाली जमीन अच्छी होती है.  भुरभुरी और नरम मिट्टी में अकरकरा की अधिक पैदावार होती है. अकरकरा को सीधे बीजों या पौधों की रोपाई करके लगा सकते हैं. अधिक उत्पादन के लिए रोपाई विधि से खेती करना चाहिए. इसकी खेती के लिए अक्टूबर-नवंबर महीना उपयुक्त होता है. 

6 महीने में पक जाती है 

यह एक औषधीय फसल है और इसे पकने में 6 से 8 महीने का समय लगता है. अकरकरा की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि इसे पकने में 5 से 6 महीने का समय पर्याप्त होता है. खुदाई के बाद अकरकरा और जड़ों को अलग-अलग कर देते हैं. इन्हें सुखाकर मंडी में बेचा जाता है. मध्य प्रदेश की नीमच मंडी में अकरकरा को बेचा जा सकता है. यहां बड़ी संख्या में किसान अकरकरा बेचने आते हैं.

औषधीय गुणों से भरपूर

यह औषधीय गुणों से भरपूर होती है यही वजह है कि इसकी बाजार में अच्छी खासी डिमांड रहती है. लकवा से लेकर कई बीमारियों के इलाज में इसका प्रयोग किया जाता है. जिन लोगों को लकवा हो जाता है उन्हें शहद के साथ इसका सेवन करना चाहिए. दंतमंजन बनाने में भी अकरकरा का उपयोग किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि 400 वर्षों से अकरकरा का उपयोग औषधीय के तौर पर किया जाता है. सर्दी जुकाम, दर्द और थकान में अकरकरा बेहद उपयोगी है.

लाखों रुपयों की कमाई

अकरकरा की खेती अब कई राज्यों में की जा रही है. यूपी के किसान आलू की जगह पर अब अकरकरा की खेती कर रहे हैं. यह भी एक आलू की तरह एक कंदवर्गीय फसल है. जहां तक अकरकरा की खेती से कमाई की बात की जाए तो प्रति एकड़ 4 से 5 लाख रूपये की कमाई की जा सकती है. एक एकड़ से दो क्विंटल अकरकरा और 10 क्विंटल जड़ों का उत्पादन होता है. बाजार में अकरकरा 400 रूपये किलो तक बिक जाता है. वहीं खर्च की बात की जाए तो प्रति एकड़ लगभग 40 हजार रूपये का खर्च आता है. वहीं आजकल कुछ कंपनियां कांट्रैक्ट फार्मिंग के जरिए भी अकरकरा की खेती करवा रही है. ऐसे में जो किसान कुछ अलग करना चाहते हैं उनके लिए अकरकरा की खेती बेहतर विकल्प है.

English Summary: up-mp farmers are getting rich from akarkara cultivation, earning up to Rs 4 lakh per acre Published on: 03 June 2021, 02:57 PM IST

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