1. Home
  2. खेती-बाड़ी

Top 5 Paddy Varieties: धान की इन 5 उन्नत किस्मों की करें खेती, कम समय में मिलेगी प्रति हेक्टेयर 60 क्विंटल तक पैदावार

अगर आप इस खरीफ सीजन में धान की खेती कर रहे हैं, तो इन टॉप 5 उन्नत किस्मों को जरूर अपनाएं. ये किस्में आपको कम समय में ज्यादा उत्पादन और अच्छी आमदनी देने में मदद करेंगी.

मोहित नागर
Paddy farming tips
Top 5 Paddy Varieties: धान की इन 5 उन्नत किस्मों की करें खेती (सांकेतिक तस्वीर)

Paddy Varieties: देश में खरीफ सीजन की सबसे प्रमुख फसल धान है, जिसकी खेती मानसून के दौरान बड़े पैमाने पर की जाती है. सिंचित और अर्ध-सिंचित दोनों क्षेत्रों में यह फसल उगाई जाती है. जहां एक ओर किसान पारंपरिक किस्मों पर निर्भर रहते हैं, वहीं अब समय आ गया है कि वे उन्नत किस्मों की तरफ रुख करें, जो कम समय में अधिक उत्पादन और बेहतर लाभ देती हैं. अगर किसान धान की खेती से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो उन्हें बेहतर क्वालिटी वाली उन्नत किस्मों को चुनना चाहिए. इससे न सिर्फ उत्पादन ज्यादा होगा, बल्कि कीटों और बीमारियों का असर भी कम होगा.

आज हम आपको भारत में लोकप्रिय धान की टॉप 5 उन्नत किस्मों की जानकारी दे रहे हैं, जो कम समय में अधिक उपज देने में सक्षम हैं.

भारत के किन राज्यों में होती है धान की खेती?

भारत धान उत्पादन में चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है, जहां धान की खेती मुख्य रूप से मानसून के मौसम में की जाती है. देश के जिन प्रमुख राज्यों में सबसे अधिक धान की खेती होती है, उनमें पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, बिहार, तमिलनाडु और झारखंड शामिल हैं. खासकर झारखंड में लगभग 71% भूमि पर धान की खेती की जाती है. इन राज्यों में लाखों किसान हर वर्ष बारिश के मौसम में धान की बुवाई करते हैं और यह फसल उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत मानी जाती है.

टॉप 5 उन्नत किस्में जिनसे होगा जबरदस्त फायदा

अगर किसान धान की खेती से अधिक उत्पादन और बेहतर मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो उन्हें पारंपरिक बीजों की बजाय उन्नत किस्मों को अपनाना चाहिए. आइए जानते हैं ऐसी ही धान की टॉप 5 उन्नत किस्मों के बारे में, जिनकी खेती कर किसान अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं:

सीएसआर-10 (CSR-10)

  • उत्पादन क्षमता: 50–55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • तैयारी का समय: 120–125 दिन
  • उपयुक्त राज्य: पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गोवा, ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक
  • खासियत: छोटे सफेद दाने, बोनी किस्म, खारे पानी वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त और जलभराव सहनशील.

एनडीआर-359 (NDR-359)

  • उत्पादन क्षमता: 50–55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • तैयारी का समय: 115–120 दिन
  • पौधे की ऊंचाई: लगभग 95 सेमी
  • उपयुक्त राज्य: उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा
  • खासियत: जल्दी पकने वाली किस्म, बीएलबी, बीएस और एलबी जैसे रोगों से सुरक्षित, कम समय में अच्छी उपज.

अनामिका (Anamika)

  • उत्पादन क्षमता: 50–55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • तैयारी का समय: 130–135 दिन
  • उपयुक्त राज्य: बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम
  • खासियत: लंबे और मोटे दाने, स्वादिष्ट चावल, पूर्वी भारत में सबसे अधिक पसंद की जाने वाली किस्म.

डब्लू.जी.एल.-32100 (WGL-32100)

  • उत्पादन क्षमता: 55–60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • तैयारी का समय: 125–130 दिन
  • खासियत: छोटे और पतले दाने, पौधों की लंबाई कम, मध्यम अवधि में पकने वाली और उच्च उत्पादक किस्म.

आईआर-36 (IR-36)

  • उत्पादन क्षमता: 40–45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • तैयारी का समय: 115–120 दिन
  • खासियत: सूखा सहन करने वाली किस्म, कम वर्षा वाले इलाकों में उपयुक्त, जल्दी पकने वाली और कीट-प्रतिरोधी.
English Summary: top 5 high yielding paddy varieties in india for kharif season cultivation Published on: 19 June 2025, 11:00 AM IST

Like this article?

Hey! I am मोहित नागर. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News