क्या आपने कभी लाल गोभी का सेवन किया है. अगर नहीं, तो आज हम इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे सामान्य पत्ता गोभी की तुलना में ये अधिक फायदेमंद है. दरअसल लाल पत्ता गोभी भी हरे पत्ते गोभी जैसा ही है, लेकिन सेहत के लिए अधिक फायदेमंद होने के कारण इसकी मांग ज्यादा है. इसकी सबसे अधिक मांग पांच सितारा होटल्स और बड़े-बडे महानगरों में है.
सेहत के लिए फायदेमंद (Beneficial to health)
आम सब्जी मंडियों की अपेक्षा ये बड़े-बड़े मॉल्स आदि में आसानी से देखने को मिल जाते हैं. अगर इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों की बात करें तो ये खनिज लवण, कैल्सियम, लोहा, प्रोटीन, कैलोरीज आदि से भरा हुआ है. एक कच्चा लाल पत्ता गोभी एक पके हुए लाल पत्ता गोभी से अधिक फायदेमंद है. इसका सेवन ब्लड प्रेशर के रोगियों को करना चाहिए.
खेती के लिए भूमि (Land for cultivation)
इस गोभी की खेती वैसे तो लगभग हर तरह की भूमि पर हो सकती है, लेकिन हल्की दामोट मिट्टी इसके लिए फायदेमंद है. इसके अलावा इसकी खेती चिकनी मिट्टी में आराम से हो सकती है. अगर भूमि का पी.एच. मान 6.0 से लेकर 7.0 के मध्य है, तो बहुत बढ़िया.
तापमान (Temperature)
इसकी खेती के लिए हल्की गुनगुनी ठंड का समय अच्छा है. तापमान 20-30 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच होने पर पौधारोपध किया जा सकता है. इस तरह देखा जाए तो आप इसके पौधों को सितंबर से मध्य नवंबर के मध्य या मध्य जनवरी से फरवरी के बीच लगा सकते हैं.
खेती की तैयारी (Preparation for cultivation)
इसकी खेती से पहले मिट्टी की जुताई देसी हल से 3 से 4 बार करनी चाहिए. मिट्टी के भुरभुरा होने पर पाटा लगाकर नमी बनाए रखें. इसके बाद एक सप्ताह बाद पहले की फसलों के अवशेषों के नष्ट होने पर बुवाई कर सकते हैं.
सिंचाई (Irrigation)
इसकी रोपाई के बाद एक सिंचाई की जानी चाहिए. उसके बाद भूमि में नमी बनाए रखने के लिए सिंचाई जरूरत अनुसार करते रहें. ध्यान रहे कि खेतों में पानी रूक न पाए, जमा हुआ पानी आपके पौधों के लिए हानिकारक है.
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कटाई (Harvesting)
इसकी कटाई का काम शीषों के पूर्ण विकसित होने पर किया जाना चाहिए. ध्यान रहे कि जल्दी कटाई करने से इनका आकार कम रह जाता है, वहीं स्वाद में भी कमी आती है.
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